आदि महोत्सव में नजर आया पूर्वोत्तर व उत्तर भारत की संस्कृति का संगम

एनसीजेडसीसी में आदिवासी हस्तशिल्प के प्रति दिखा आकर्षण

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PRAYAGRAJ: एनसीजेडीसीसी एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के अधीन ट्रायफेड की ओर से आयोजित आदि महोत्सव के दूसरे दिन लोगों को पूर्वोत्तर भारत एवं उत्तर भारत की संस्कृति का संगम देखने को मिला। ठंड के बीच लोगों ने आदि महोत्सव का जमकर लुत्फ उठाया। इस दौरान आदिवासी हस्तशिल्प के प्रति लोगों में गजब का आकर्षण देखने को मिला। खासतौर पर लोगों ने सर्द मौसम को देखते हुए गर्म कपड़ों की खरीदारी करने के साथ ही शिल्पहाट के मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाया।

हस्त उत्पाद की प्रदर्शनी

ट्रायफेड एवं सांस्कृतिक केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों के हस्त उत्पादों को प्रदर्शित किया जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से गुजरात, उत्तराखंड, मेघालय, राजस्थान, असम, महाराष्ट्र, हिमांचल, पश्चिम बंगाल, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, उड़ीसा व मध्य प्रदेश के आदिवासी व जनजातीय शिल्पकारों ने अपने हस्त उत्पादों का प्रदर्शन करने के साथ ही उनका विक्रय भी किया। देश के जनजातीय शिल्पकारों के हस्त उत्पादों की यह प्रदर्शनी पहली बार एनसीजेडीसीसी में आयोजित की गई है। इसमें जनजातीय उत्पादों में ऊनी वस्त्रों से लेकर साडि़यां व अन्य उपयोगी व सजावटी हस्त शिल्प उत्पाद शामिल हैं। शाम को आयेाजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सुधा सिंह एवं दल द्वारा बिरहा व लोकगीत, मनोज गुप्ता द्वारा भजन, संदीपना श्रीवास्तव का लोकगीत गायन एवं सुप्रिया सिंह रावत के लोक नृत्य की प्रस्तुति को लोगों ने खूब पसंद किया।