प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आखिरकार 40 साल बाद इलाहाबाद लोकसभा चुनाव जीतकर कांग्रेस ने अपना वनवास तोड़ दिया। इसके पहले 1984 में कांग्रेस पार्टी प्रत्याशी अभिनेता अमिताभ बच्चन ने हेमवती नंदन बहुगुणा को हराकर यह सीट जीती थी। इसके बाद से लगातार दूसरी पार्टियों के प्रत्याशी जीतते चले आ रहे थे। लेकिन, मंगलवार को घोषित रिजल्ट में इंडी गठबंधन के कांग्रेस प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह ने भाजपा के नीरज त्रिपाठी को 58795 वोट से हराकर जीत हासिल कर ली।

खुशी से झूम उठे समर्थक
सुबह आठ बजे से शुरू हुई इलाहाबाद लोकसभा सीट की मतगणना का रिजल्ट शाम पांच बजे घोषित किया गया। जिसमें इंडी गठबंधन प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह को 462145 और भाजपा के नीरज त्रिपाठी को कुल 403350 वोट मिले। इस तरह से उज्जवल रमण को 58795 वोटों से जीत हासिल हुई। उनकी जीत की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर छाई रही। सभी ने एक दूसरे को गले लगाकर बधाई भी दी।

पार्टी प्रत्याशी मिले वोट
इंडी गठबंधन उज्जवल रमण सिंह 462145
भाजपा नीरज त्रिपाठी 403350
अजीत कुमार पटेल प्रगतिशील समाज पार्टी 2642
राजधर सिंह पटेल राष्ट्रीय समाज दल 1024
गोपाल स्वरूप जोशी निर्दल 4248
सर्वजीत सिंह कमेरा समाज पार्टी 1177
हेमराज सिंह पीपल्स पार्टी आफ इंडिया 2355
राजेंद्र प्रसाद प्रजापति भागीदारी पार्टी 1848
हंसराज कोल अपना दल कमेरावादी 2141
गीता रानी शर्मा निर्दल 2196
शिव प्रसाद विश्वकर्मा सम्यक पार्टी 1326
अनुज स्वरूप शुक्ला निर्दल 1616
अवनीश कुमार निर्दल चारपार्ठ 1835
नोटा 9952
कुल पड़े वोट- 947000

कब कौन बना सांसद
इलाहाबाद सीट से कांग्रेस से आखिरी सांसद सुपरस्टार अमिताभ बच्चन बने थे। उन्होंने 1984 में एचएन बहुगुणा को चुनाव में मात दी थी। इसके बाद इस सीट पर कांगे्रस पार्टी की दाल नही गली।
1988 में निर्दलीय वीपी सिंह, 1989 में जनता दल के जनेश्वर मिश्र, 1991 में जनता दल के सरोज दुबे, फिर 1996, 98 और 99 में भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, 2004 और 2009 में उज्जवल रमण सिंह के पिता सपा से रेवती रमण सिंह और फिर 2014 में भाजपा से श्यामा चरण गुप्ता
और 2019 में रीता बहुगुणा जोशी ने इस सीट पर कब्जा जमाया।

छठवें राउंड में बनाई बढ़त
कांग्रेस के लिए भाजपा पर जीत दर्ज करना आसान नही था। मतगणना की शुरुआत में पहले पांच राउंड तक भाजपा ने बढ़ता बना रखी थी। लेकिन छठवें राउंड में उज्जवल रमण सिंह ने अचानक पांच हजार से अधिक मतों की बढ़त बनाकर भाजपा समर्थकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। पहले राउंड में भाजपा को 16811 और इंडी गठबंधन को 15116 और पांचवें राउंड में दोनो ंको क्रमश: 84744 और 83792 वोट मिले थे। लेकिन छठवें राउंड के बाद उज्जवल रमण ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस राउंड में भाजपा को 99641 और इंडी गठबंधन को 104831 वोट मिले थे। बाद में यह बढ़त जारी रही और कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल हो गई।

क्या बोले उज्जवल रमण सिंह
उन्होंने कहा कि मेरे पिता ने पचास साल तक क्षेत्र की सेवा की है, उसका प्रतिफल मिला है। कहा कि भविष्य में वह सकारात्मक सोच के साथ काम करेंगे। वह प्रयागराज के गौरव को बढ़ाए रखने के लिए हरसंभव प्रयत्न करेंगे। उन्होंने कहा कि यह जीत उन्हें कार्यकर्ताओं की मेहनत के चलते मिली है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास पर पूरा जोर दिया जाएगा।

2022 में हारे थे चुनाव
इसके पहले उज्जवल रमण सिंह 2022 में करछना से विधानसभा चुनाव हार गए थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नही हारी और लोकसभा चुनाव में एक की जगह पांच विधानसभा में जीत दर्ज की है। समाजवादी पार्टी के टिकट से उज्ज्वल वर्ष 2004 व 2017 में करछना से विधायक निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2012 में वह चुनाव हार गए थे। हालांकि, चुनाव में पराजित होने के बाद भी प्रदेश की सपा सरकार में वह मंत्री बनाए गए थे। पूर्व राज्यसभा सदस्य रेवती रमण ङ्क्षसह के परिवार के उज्ज्वल रमण ङ्क्षसह पहले सदस्य हैं, जो कांग्रेस से सांसद निर्वाचित हुए हैं।