प्रयागराज (ब्‍यूरो)। प्रयागराज के कई बिल्डर, भूमाफिया और कारोबारी भी साबरमती जेल जाकर माफिया से मुलाकात करते थे। एक फ्लैट उमेश पाल हत्याकांड के दूसरे दिन खाली किया गया था। यह भी पता चला है कि वहां कितने लोग रहते थे। अब ऐसे लोगों की लोकेशन ट्रेस की जा रही है।

अतीक के गुर्गे के नाम मकान
सूत्रों का कहना है कि अतीक के साबरमती जेल में जाने के बाद से ही खास गुर्गों ने सुरक्षित इलाके में पहले किराए पर फ्लैट लिया था। इसके बाद कुछ ने उस फ्लैट को खरीदा था लेकिन किसी ने अपने नाम पर फ्लैट नहीं लिया। वहां रहने वाले गुर्गे अक्सर जेल जाकर अतीक से मुलाकात करते थे और उसके बाद हुक्म का पालन करते थे। तफ्तीश में जुटी एसटीएफ और पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि सलाखों के पीछे भी अतीक की काफी खातिरदारी होती थी। वह मोबाइल इस्तेमाल करने के साथ ही दूसरे शौक भी पूरे करता था। एसटीएफ को गुजरात के फ्लैट में रहने वाले कई लोगों के मोबाइल नंबर मिले हैं, जिनकी काल डिटेल रिपोर्ट खंगाली जा रही है। पुलिस के लाख जतन के बाद भी उमेश पाल हत्याकांड के शूटर अब तक पकड़े नहीं जा सके हैं।

गनर की पुरखास में तलाश
वर्ष 2004 में सांसद रहे अतीक अहमद को सुरक्षा की दृष्टि से गनर मिला था। पुलिस विभाग के इस कर्मी का नाम एहतेशाम है। वह पुरखास थाना सरायअकिल का रहने वाला है। 10 वर्ष पहले उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया था। इस बीच वह अतीक का करीबी बन चुका था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से एहतेशाम फरार चल रहा है। जांच में यह भी पता चला है कि उमेश पाल शूटआउट प्रकरण में उसकी भी भूमिका संदेह के दायरे में आई है। ऐसे में मंगलवार की सुबह एसटीएफ की टीम उसकी तलाश में पुरखास के ग्रामीणों व स्वजन से पूछताछ की।

उस्मान छर्रा और गुफरान की तलाश तेज
्य्रस्॥्ररूक्चढ्ढ: उमेश पाल हत्याकांड के बाद से फरार उस्मान छर्रा की तलाश में पुलिस के साथ एसओजी भी लगी है। अतीक का करीबी होने के कारण पुलिस उसकी कई संभावित ठिकानों पर खोजबीन में जुटी है। एसटीएफ ने भी दबिश दी लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। अब पुलिस उस्मान छर्रा के धंधे में एकाउंटेंट का काम करने वाले गुफरान निवासी महमदपुर गांव कोखराज की तलाश की जा रही है। गुफरान उस्मान छर्रा के ट्रकों को पास कराने के अलावा पुलिस से साठगांठ में भी भागीदारी निभाता है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद से गुफरान भी लापता है। यही नहीं, उसके खिलाफ कौशांबी की पश्चिम शरीरा थाना में धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज है। कोखराज थाने में भी एक मुकदमा पंजीकृत है। पश्चिम शरीरा में रहे एक थानेदार का यह करीबी था। थानाध्यक्ष की कैप पहनकर फोटो भी खिंचवाई थी। यह फोटो वायरल होने के बाद थानेदार की काफी किरकिरी हुई थी।