प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- बैरहना से लेकर अलोपीबाग के बीच जाम की समस्या झेल रहे लोगों को जल्द ही राहत मिलने जा रही है। माना जा रहा है कि पुराने अलोपीबाग फ्लाईओवर के समानांतार बनने जा रहे पुल को एक सप्ताह के भीतर शासनादेश मिल सकता है। इसके बाद मार्च में इसका निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। वह भी चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले। जिसके चलते यह पुल साल के अंत तक बनकर तैयार हो जाएगा।

व्यय वित्त समिति ने पास किया है बजट

हालांकि इस पुल की लागत को व्यय वित्त समिति की पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। 700 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर का 95 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण होना है। इसमें से पुल का निर्माण 55 करोड़ रुपए से होना है और 40 करोड़ की लागत से सर्विस लेन बनाई जानी है। जिसके बनने से चुंगी, हर्षवर्धन चौराहा व अलोपीबाग सहित अन्य इलाकों का अवागमन आसान होगा व जाम की समस्या से निजात मिलेगी। महाकुंभ 2025 परियोजना के तहत इस पुल का निर्माण कार्य महाकुंभ से पहले पूरा होना है।

15 मार्च तक लागू हो सकती है आचार संहिता

लोकसभा चुनाव इसी साल होना है। ऐसे में प्रबल संभावना है कि 15 मार्च तक हर हाल में चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। शासन भी चाहता है कि महाकुंभ के अंतर्गत जितने भी निर्माण कार्य होने हैं उनका बजट और शासनादेश आचार संहिता लागू होने से पहले जारी कर दिया जाए। जिससे उनके निर्माण में लेटलतीफी न होने पाए। अगर ऐसा हुआ तो परियोजनाए लटक जाएंगी और महाकुंभ में श्रद्धालु इन सुविधाओं का लाभ नही ले सकेंगे।

कितना महत्वपूर्ण है यह पुल

अलोपीबाग के पुराने पुल का निर्माण सपा सरकार के दौरान हुआ था। इस पुल की खराब डिजाइन को लेकर अक्सर आवाज उठती है और जाम की समस्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में महाकुंभ से पहले सरकार इस पुल के समानांतर एक और एफओबी बनाकर जाम की समस्या को कम करना चाहती है। नए पुल के बनने के बाद अलग अलग पुल से अप डाउन होगा। इससे आमने सामने नही आने से वाहनों की लंबी लाइन नही लगेगी।

अलोपीबाग फ्लाईओवर को वित्त व्यय समिति से मंजूरी मिल गई है। वहीं अब शासनादेश का इंतजार है। शासनादेश और बजट जारी होने के बाद एफओबी का निर्माण भी तेज गति से होगा। उम्मीद है कि जल्द ही शासनादेश प्राप्त हो सकता है।

मनोज अग्रवाल, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम, प्रयागराज