प्रयागराज (ब्यूरो)पिछले साल अगस्त के बाद से ही तीसरी लहर के कयास लगाए जाने लगे थे। माना जा रहा था कि इस लहर में बच्चों पर अधिक गाज गिरने वाली है। इसको लेकर चिल्ड्रेन अस्पताल और बेली अस्पताल में पीकू वार्ड भी बनाए गए हैं। इनमें आक्सीजन की सप्लाई भी दी गई है। जनवरी के पहले सप्ताह में ही तीसरी लहर में दस्तक दे दी, जिसके बाद बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा था। मौजूदा आंकड़ों पर जाएं तो 0 से 10 साल के बीच महज 16 पाजिटिव बच्चे सामने आए हैं। इसके अलावा 11 से 20 साल के बीच 104 संक्रमितों ने दस्तक दी है।

किसी में भी नही हैं लक्षण
यह भी बता दें कि पाए गए संक्रमितों में से किसी में भी लक्षण नही हैं। सभी संक्रमित पूरी तरह से फिट दिख रहे हैं। इनकी जांच कांटेक्ट ट्रेसिंग के दौरान करने पर यह संक्रमित मिले हैं। आमतौर पर प्रयागराज में पाजिटिविटी रेट 4 से 5 फीसदी के बीच बना हुआ है। इसका कारण है कि जांच अपेक्षाकृत कम हो रही है। दस हजार से अधिक जांच एक या दो दिन छोड़कर नही हुई है। ऐसे में पाजिटिव आने वाले मामले 5 फीसदी तक दिख रहे हैं।

इन बातों का रखें ध्यान
सर्दी, जुकाम, बुखार या सांस लेने में तकलीफ हो तो बच्चे की कोरोना जांच कराएं
संक्रमित मिलने पर उसे घर में ही आइसोलेट करें
समय समय पर उसका फीवर नापते रहें
आक्सीजन लेवल 94 फीसदी से कम हो तो अस्पताल में भर्ती कराया जाए
चिल्ड्रेन और बेली अस्पताल में बच्चों के लिए स्पेशली पीकू वार्ड बनाए गए हैं
बच्चों को उम्र के हिसाब से डॉक्टर की सलाह पर ही दवाएं दें
घर से निकलते समय बच्चों को मास्क पहनने की आदत डालें

सबसे ज्यादा इन पर आंच
कोरोना की सबसे ज्यादा आंच 30 से 50 साल के बीच के लोगों पर है। यह वह वर्ग है जो घर से सबसे ज्यादा निकलता है और पाजिटिव होने का रेट भी इसीलिए अधिक है। लोग कोरोना प्रोटोकाल का पालन नही कर रहे हैं। इसलिए भी पाजिटिविटी रेट बढ़ा हुआ है। हालांकि इस बार होम आइसोलेशन के मामले 99 फीसदी से भी अधिक है।

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सेफ हैं। जो बच्चे संक्रमित मिल रहे हैं उनमें कोई लक्षण नही है। इसलिए परेशान होने की जरूरत नही है। बच्चों को एक्सपोजर से बचाकर रखना है।
डॉ। ऋषि सहाय
नोडल कोविड प्रयागराज