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महीने में भ्रष्टाचार पर पुलिस विभाग में हुई बड़ी कार्रवाई

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एसएसपी सस्पेंड किये गये एक साल के भीतर प्रयागराज के

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थानेदार सस्पेंड किये जा चुके हैं 15 दिन के भीतर

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दरोगाओं पर हो चुकी है भ्रष्टाचार और कार्य में लापरवाही पर कार्रवाई

एक महीने के भीतर भ्रष्टाचार में एसएसपी समेत पांच लोग हो चुके हैं सस्पेंड

विवाहिता की मौत का माल तक सैटिल्ड करने का दरोगा ने किया सौदा

mukesh.chaturvedi@inext.co.in

खाकी को इन दिनो प्रयागराज में सबसे ज्यादा खतरा वर्दीवालों से ही है। कप्तान खुद भ्रष्टाचार में लिप्त मिले। उनके खिलाफ कार्रवाई हुआ तो भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगीं। एक के बाद एक चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं जो खाकी की छवि पर कालिख पोत रहे हैं। बुधवार को भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया तो अपने आप 15 दिन के भीतर हुई घटनाएं ताजा हो उठीं। भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर थाने से हटाये जाने वाले कारखासों की संख्या जोड़ दी जाय तो एक महीने के भीतर करीब 50 लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप में कार्रवाई हो चुकी है।

सवालों में रहती है खाकी

थाना, चौकी पर तैनात पुलिसकर्मियों के साथ डायल 112 पर तैनात कर्मचारियों पर वैसे भी तमाम तरह के आरोप लगाये जाते रहे हैं। इसमें अवैध वसूली की शिकायतें टॉप पर हैं। इस मामले में यहां तैनात रहे पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित ने तमाम पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की थी। ऐसा करके वह अपनी छवि सुधारने में लगे थे लेकिन, सीएम तक जो सूचनाएं पहुंचायी गयीं। उनसे पता चला कि उनका दामन भी दागदार था। अपराधियों से सेटिंग में उनका नाम सामने आया तो सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त हो उठे। उन्होंने इस पर सख्त फैसला लिया और एसएसपी को ही सस्पेंड कर दिया। एक साल के भीतर भ्रष्टाचार और विभागीय कार्य में लापरवाही के आरोप में सस्पेंड होने वाले वह दूसरे एसएसपी थे। इससे खाकी पर ऐसा दाग लगा जिसका दाग मिटना बेहद मुश्किल है।

एसएसपी के बाद दनादन सस्पेंशन

भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का मामला एसएसपी अभिषेक दीक्षित के सस्पेंशन पर ही समाप्त नहीं हुआ। इसके बाद उनके ढाई महीने के कार्यकाल में थाना और चौकी पर पोस्टिंग पाने वाले भी टारगेट हो गये। इससे पहले ही कई की गोपनीय जांच शुरू करा दी गयी थी। इसमें पता चला कि नवाबगंज थाने में तैनात एक दरोगा इबरार अंसारी टॉप टेन अपराधी को संरक्षण दे रहे हैं। वह रहते भी एक अपराधी द्वारा बनायी गयी अवैध सम्पत्ति प्रिमाइस में। इस पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। एसएसपी अभिषेक दीक्षित सस्पेंड हुए तो उनके स्टोनो रहे गौरव तिवारी भी दूसरे जिले के लिए रिलीव कर दिये जाने के बाद भी सस्पेंड हो गये। उन पर भ्रष्टाचार के साथ विभागीय गोपनीयता भंग करने का आरोप लगा था।

करेली-अतरसुइया एसओ भी हो चुके सस्पेंड

एसएसपी अभिषेक दीक्षित के जाने के बाद शहर के दो थानेदार सस्पेंड किये जा चुके हैं। इन पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के साथ दायित्व निर्वहन में लापरवाही का भी आरोप है। करेली एसओ पर फर्जी लिस्ट बनाकर मुकदमे में नाम डाल देने की धमकी देने का आरोप लगा था। इसकी शिकायत हो गयी तो अंजनी श्रीवास्तव को कुर्सी गंवानी पड़ गयी। इसी तरह के आरोप अतरसुइया थाना प्रभारी रहे संदीप मिश्र पर भी लगे और उन्हें सस्पेंड किया गया। आरोप है कि जाते-जाते भी वे खेल करने से नहीं चूके। इससे पहले विवेचना में लापरवाही व रुचि न लिए जाने के आरोप में करेली थाने के दरोगा प्रेम कुमार को सस्पेंड किया गया था। करेली थाने में ही तैनात रहे रिक्रूटमेंड कांस्टेबल मनमोहन को भी एसएसपी ने सस्पेंड किया था। इसके ऊपर भी वसूली के आरोप थे।

एक साथ 35 कांस्टेबल हुए लाइन हाजिर

थाने पर तैनाती के बाद थानेदार की कारखासी के नाम पर वसूली करने वाले 35 कांस्टेबल को पूर्व एसएसपी अभिषेक दीक्षित द्वारा लाइन हाजिर कर दिया गया था। इन सभी के खिलाफ वसूली करने के साथ निजी लाभ के लिए काम करने के आरोप लगे थे। जांच में सब सही मिला तो इन पर कार्रवाई की गयी। इसमें तो कुछ ऐसे भी थे जो आदेश होने के बाद भी थाना छोड़ना नहीं चाहते थे। इसके लिए अलग से आदेश जारी करना पड़ गया।

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दहेज का मामला सेट करने को मांगे थे पैसे

44 हजार रुपये लेकर केस रफा-दफा करने की बात का वीडियो हुआ वायरल

एडीजी ने करायी जांच, सच मिला मामला, दरोगा किये गये सस्पेंड

दरोगा जी ने दहेज जैसे संगीन मामले को ही ले-दे कर रफा-दफा करने का सौदा कर लिया। 44 हजार रुपये में सौदा तय हुआ और पैसे पहुंचाये भी गये। इसका न सिर्फ वीडियो बना बल्कि इसे वायरल भी कर दिया गया। बात अफसरों तक पहुंची तो वे सीरियस हो उठे। उन्होंने गोपनीय तरीके से जांच बैठा दी। रिपोर्ट सही मिलने पर दरोगा को सस्पेंड करने के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है।

विवाहिता की हुई थी मौत

मामला खीरी थाने से जुड़ा हुआ है। जिस दरोगा के खिलाफ कार्रवाई हुई है उसका नाम कमला प्रसाद बताया गया है। बताया जाता है कि खीरी एरिया में यहां पिछले दिनों एक विवाहिता की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गयी थी। दरोगा ने विपक्षियों से पैसा लेकर मामले को रफा-दफा करने का भरोसा दिलाया था। संयोग से इस पूरी बातचीत का वीडिया बनाया गया और उसे वायरल कर दिया गया। एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें दारोगा पैसा लेते हुए दिख रहा था। मामले की जांच कराई गई तो प्रथम दृष्टया एसआई दोषी पाए गए। इस आधार पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। विभागीय जांच की कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी।

खीरी में तैनात दरोगा का वीडियो संज्ञान में आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच भी करवाई जाएगी। इस तरह की चीजें सामने आने के बाद दोषी किसी भी सूरत में बख्शे नहीं जाएंगे।

सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी,

एसएसपी प्रयागराज