-टिकटॉक बंद होने पर बोले सिटी के युवा, देश की खातिर कुर्बान हैं मनोरंजन के ऐसे एप

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PRAYAGRAJ: चाइना बॉर्डर पर बने हालात और गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों की शहादत पर पूरा देश एक है। इन सबके बीच सरकार ने चीन के 59 एप बैन कर दिए हैं। इनमें मोस्ट पॉपुलर एप टिकटॉक भी शामिल है। सिटी के यूथ ने चीनी एप्स को बैन करने का पूरा समर्थन किया है। सिटी में टिकटॉक पर एक्टिव रहने वालों कहना है कि सबसे पहले देश है। इसके बाद मनोरंजन या दूसरी अन्य चीजें हैं।

देश की संप्रभुता से समझौता नहीं

टिकटॉक पर वीडियो बनाने की शौकीन नेहा शर्मा बताती हैं कि अभी तक सिर्फ मनोरंजन के लिए टिकटॉक विडियो बनाती थीं। लेकिन जब देश की बात आएगी तो हम ऐसे किसी भी एप को कुर्बान करने में पीछे नहीं रहेंगे। हम यूथ हैं और हमारे ही कंधों पर देश की जिम्मेदारी है। इसलिए पहले देश उसके बाद दूसरी चीजें हैं। जहां भी देश की बात आएगी। कुछ ऐसा ही कहना है सौरभ शुक्ला का। वह भी टिकटॉक पर वीडियो बनाते हैं। उनका कहना है कि प्ले स्टोर पर तमाम दूसरे एप हैं, जिसके थ्रू वीडियो बना सकते हैं। हां, इससे क्रिएटिव वीडियो बनाने में थोड़ी आसानी जरूर होती थी, लेकिन देशहित के आगे कुछ भी नहीं।

ऐसे एप देश में होने चाहिए तैयार

सिटी के दूसरे टिकटॉक यूजर्स का कहना है कि आखिर हम ऐसे एप बनाने में पीछे क्यूं हैं? हमें भी खुद ऐसा एप डेवलप करना चाहिए, जिसे दुनिया फॉलो करे। हमारे देश का आईटी सेक्टर दुनिया की सबसे बड़ी पावर को चलाता है। इसलिए देश में ऐसे एप बनने चाहिए, जिससे लोगों को प्लेटफार्म मिल सके और वह मनोरंजन के लिए ही सही, मनपसंद वीडियो बना सके।

जब देश की बात आएगी तो हर कोई पहले देश के साथ खड़ा होगा। थोड़ी कमी जरूर महसूस हो रही है। लेकिन पहले देश फिर मनोरंजन।

-नेहा

यूथ पर देश की जिम्मेदारी है। देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एप बैन किया गया है। हम सभी इस फैसले के साथ हैं।

-प्राची

देश में भी ऐसे एप का निर्माण होना चाहिए। इस एप के जरिए बहुत से लोगों को खुद की क्वॉलिटी को रखने का एक मंच मिला है।

-सौम्या

देश का युवा हमेशा देश के लिए समर्पित रहा है। ऐसे मे इन एप के बंद होने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। वैसे भी सिर्फ मनोरंजन के लिए वीडियो बनाते थे।

-शालिनी