दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में शामिल हुए नेशलन स्कूल ऑफ ड्रामा के एक्टिंग क्लास के निर्देशक

ALLAHABAD: दैनिक जागरण फिल्म फेस्टिवल में शनिवार को नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के एक्टिंग क्लास में निर्देशक व कलाकार आसिफ अली हैदर मौजूद रहे। इस अवसर पर युवाओं के मन में उठ रहे प्रश्नों को उन्होंने बड़ी ही सहजता और सरलता से शांत किया। आसिफ ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आंगिक, वाचिक व आहार्य जब आपस में मिले हैं तो अभिनय सात्विक रूप में आपके सामने आता है और यही अभिनय सीधे दर्शकों के दिलों में उतर जाता है। उन्होंने कहा कि एक कलाकार खुद के वजूद को भूलकर सीन और चरित्र में डूब जाता है तो उसका अभिनय निखरता जाता है।

उत्सवी है भारतीय जीवन पद्धति

उन्होंने कहा कि अच्छा अभिनय वही होता है, जिसमें आपके अंग और मन के भाव में आपस में तारतम्यता होती है। ऐसा ही अभिनय दर्शकों के दिलों में दशकों तक जिंदा रहता है। उन्होंने चेहरे पर चेचक के दाग वाले ओमपुरी, नाना पाटेकर, परेश रावल जैसे कलाकारों का नाम लिया जो बिना अच्छे चेहरे, कद काठी के दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं। उन्होंने युवाओं को युरोपियन सिनेमा, भारतीय सिनेमा व जीवन दर्शन में अंतर बताते हुए कहा कि भारतीय जीवन पद्धति उत्सवी है। हम शोक नहीं मनाते। हम मृत्यु को भी उत्सव के रूप में लेते हैं यदि मरने वाला बुजुर्ग हो।