आम बजट से निराश हुआ मध्यम वर्ग, टैक्स स्लैब से नहीं मिली छूट

70 लाख रोजगार उपलब्धता की घोषणा पर युवाओं में छाया उत्साह

ALLAHABAD: गुरुवार को आए आम बजट से किसान और गरीबों के चेहरे पर भले ही मुस्कान छा गई हो लेकिन मध्यम वर्ग के चेहरे पर निराशा का भाव है। उन्हें इस बजट बहुत ज्यादा हासिल नहीं हुआ है। वहीं तीन साल में 70 लाख नौकरी की सरकार की घोषणा से युवाओं जरूर थोड़ी आस बंधी है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने बजट को लेकर लोगों की राय जानने की कोशिश की तो उन्होंने खुलकर अपनी राय जाहिर की

4 से 5 लाख होने की थी उम्मीद

लोगों को उम्मीद थी कि इनकम टैक्स स्लैब को 2.5 लाख से बढ़ाकर 4 से 5 लाख किया जाएगा। इससे आम जनता की जेब पर पड़ने वाला भार कम हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। इससे वह लोग निराश हो गए हैं जिन्हें उम्मीद थी कि टैक्स से राहत मिलेगी।

शहर को तो मिलेगा विकास

सरकार द्वारा स्मार्ट सिटी में लाखों करोड़ रुपए का फंड दिए जाने का लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि देशभर में 99 स्मार्ट सिटी बनाई जानी हैं और इसमें इलाहाबाद का चयन हो चुका है। ऐसे में 2.4 लाख करोड़ के बजट में से हमारी हिस्सेदारी भी तय होगी।

जैसा सोचा था वैसा बजट नहीं आया। अगले साल लोकसभा चुनाव हैं, लेकिन ऐसी कोई घोषणा नही की गई है जिससे जनता को अधिक खुशी मिले। इस बजट को लोक लुभावन नहीं कहा जाएगा।

-अंकित, प्रोफेशनल

किसानों को अब प्रत्येक फसल पर समर्थन मूल्य मिलेगा। यह सरकार का बेहतर फैसला है। अभी तक गिनी चुनी फसलों पर ही यह मूल्य दिया जाता था।

-जेपी जायसवाल, प्रोफेशनल

गरीबों को अब आसानी से इलाज मुहैया होगा। उनको पांच लाख रुपए तक का इलाज सरकार मुहैया कराएगी। यह एक बेहतर कदम साबित होगा।

-वीरू सिंह, प्रोफेशनल

उच्च शिक्षा पर अधिक खर्च किए जाने की जरूरत थी। देश में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा नहीं है। सरकार को इस ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था।

-पंकज, बिजनेसमैन

टैक्स स्लैब में कामकाजी महिलाओं के लिए जरूर छूट दी जानी चाहिए था। हमलोग को इसका इंतजार था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सरकार हमारी ओर ध्यान दे।

-डाली, प्राइवेट जॉब

महिलाओं की सुरक्षा पर अलग से बजट में बेहतर प्रावधान होना चाहिए था। अभी भी लोकल लेवल पर ऐसे इंतजाम नहीं हैं जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस करें।

-डिंपल, प्राइवेट जॉब

गनीमत इस बात की रही कि इस बजट में सर्विस टैक्स या दूसरे टैक्सेज में अधिक बढ़ोतरी नहीं की गई। वरना लोग महंगाई के तले अधिक दब जाते।

-जगदीश, स्टूडेंट

किसानों के लिए खुशी की बात है कि उनके लिए 14.5 लाख करोड़ का फंड का प्रावधान किया गया है। इससे गांवों की दशा में सुधार होगा।

-नकसीर अहमद, प्रोफेशनल

टैक्स पेयर्स को अधिक छूट दी जानी चाहिए थी। खर्च इतना अधिक हो गया है कि ढाई लाख की सीमा पार करना बेहद आसान है।

-मोहित, बिजनेसमैन

देश में 24 मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं। इससे युवाओं को रोजगार मिलेगा और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में नए विकल्प का रास्ता खुलेगा।

-नवीन, प्रोफेशनल

देश केा शिक्षा व्यवस्था पर जीडीपी का कम से कम छह फीसदी खर्च करना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। बजट ने हमको निराश किया है। पैसा मिलेगा तो शिक्षा रोजागरोन्मुखी और राष्ट्र निर्माण के काम आएगी।

-अशोक पांडेय, प्रतियोगी छात्र

शिक्षा की आधारभूत संरचनाओं पर ध्यान देना होगा। इस क्षेत्र में बजट को बढ़ाया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को शिक्षा के स्तर केा उठाने के बेहतर प्रयास करने चाहिए थे।

-मो। जुबैर खान, एडवोकेट हाईकोर्ट