जजेस भी हैरत में 

फलक को जिद है बिजलियां गिराने की 
हमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की
कुछ ऐसी ही सोच व जज्बातों से भरा है आज का यूथ। उसकी सोच आज सोसाइटी को नई दिशा देने को बेताब है। वह समय की नब्ज थामे आगे बढ़ा जा रहा है। उसके इरादे बुलंद हैं और जज्बात परवाज भरने को बेकरार। जी हां, यंगस्टर्स का कुछ ऐसा ही रूप देखने को मिला वेडनसडे को एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कालेज के आडिटोरियम में मौजूद देश के डिफरेंट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का, जो दामोदरश्री पुरस्कार समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। सारस्वत खत्री पाठशाला सोसायटी व एसएस खन्ना की ओर से दिए जाने वाले इस सम्मान समारोह में इन स्टूडेंट्स ने अपने व्यूज शेयर किए तो जजेस भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, सम्मान समारोह में देश की कई युनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स से निबंध मंगाए गए थे। निबंध का सब्जेक्ट था, जो मैं कर सकता या सकती हूं। अवार्ड के लिए आए पार्टिसिपेंट्स ने देश व समाज में चेंजेस को लेकर अपने थॉट्स प्रेजेंट किए, जिन्हें जजेस ने भी भरपूर सराहा.

10 finalists ने रखे अपने विचार
दामोदरश्री पुरस्कार समारोह के दौरान जजेस द्वारा सेलेक्टेड दस फाइनलिस्टों में अभिनव कुमार, अंशी अग्रवाल, अर्पिता घटक, इरम खान, प्रियंका डांडी, साहिल दामा, सत्यम तिवारी, शाजिया जावेद, उत्सव परासर, वत्सल वासुदेव ने अपने विचार लोगों के सामने रखे। दूसरे सत्र में दसों फाइनलिस्ट्स में जजेस ने विनर का सेलेक्शन किया। विनर्स में फस्र्ट अर्पिता घटक, सेकंड साही दामा व थर्ड ईरम खान रहीं। विजेताओं में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद की स्टूडेंट अर्पिता घटक को फस्र्ट प्राइज के तौर पर एक लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया। वहीं जोधपुर के साही दामा को सेकंड प्राइज में 51 हजार रुपए का चेक दिया गया जबकि थर्ड प्राइज में 31 हजार रुपए न्यू दिल्ली की ईरम खान को प्रदान किया गया। अंडर ग्रेजुएट कैटेगरी में अभिनव कुमार व शाजिया जावेद को 21-21 हजार रुपए पुरस्कार के तौर पर दिए गए। स्पेशल अवार्ड के तौर पर एसएस खन्ना की स्टूडेंट रचना भारती को अक्षरा सम्मान व 11 हजार रुपए प्रदान किए गए.

दो साल पहले शुरू हुआ दामोदरश्री सम्मान
सारस्वत खत्री पाठशाला समिति व एसएस खन्ना डिग्री कालेज की ओर से अकादमिक महोत्सव दामोदरश्री पुरस्कार की शुरुआत दो साल पूर्व हुई थी। ये पुरस्कार स्वर्गीय प्रो। दामोदर दास खन्ना की स्मृति में शुरू किया गया था। पुरस्कार ऐसे युवाओं को दिया जाता है, जो समाज और देश की सोच बदलने का माद्दा रखते हैं। पुरस्कार के लिए देश के सभी बड़ी और सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स से निबंध आमंत्रित किए जाते हैं। निबंध में वह देश व समाज के डेवलपमेंट के लिए उठाए जाने वाले कदमों को अपने विचार के जरिए रखते हैं। इन्हीं बेहतरीन निबंधों में से दस फाइनलिस्ट चुने जाते हैं, जिन्हें पुरस्कार के फाइनल सेलेक्शन के लिए बुलाया जाता है। समारोह में सभी फाइनलिस्ट्स को अपने निबंध के बारे लोगों के सामने अपना पक्ष रखना पड़ता है। सभी दसों फाइनलिस्ट्स को सुनने के बाद जजेस विनर का सेलेक्शन करते हैं. 

जूरी मेंबर्स 
जूरी मेंबर्स जस्टिस एपी शाही, प्रो। प्रतिमा गौड़, प्रो। आरके नायडू, प्रो। ललित जोशी, प्रो। स्मिता अग्रवाल, प्रो। अनिता गोपेश, प्रो। अशिम मुखर्जी, प्रो। पीके घोष को भी सम्मानित किया गया। दूसरे सत्र की शुरुआत जस्टिस डॉ। बीएस चौहान ने दीप प्रज्वलित करके किया। इसके बाद प्रो। मानस मुकुल दास सम्मान के बारे में लोगों बताया। इस दौरान विशिष्ट गेस्ट कार्यवाहक चीफ जस्टिस एल के मोहपात्रा ने अपने विचार रखे. 

जजेस भी हैरत में 

फलक को जिद है बिजलियां गिराने की 
हमें भी जिद है वहीं आशियां बनाने की
कुछ ऐसी ही सोच व जज्बातों से भरा है आज का यूथ। उसकी सोच आज सोसाइटी को नई दिशा देने को बेताब है। वह समय की नब्ज थामे आगे बढ़ा जा रहा है। उसके इरादे बुलंद हैं और जज्बात परवाज भरने को बेकरार। जी हां, यंगस्टर्स का कुछ ऐसा ही रूप देखने को मिला वेडनसडे को एसएस खन्ना गल्र्स डिग्री कालेज के आडिटोरियम में मौजूद देश के डिफरेंट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स का, जो दामोदरश्री पुरस्कार समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। सारस्वत खत्री पाठशाला सोसायटी व एसएस खन्ना की ओर से दिए जाने वाले इस सम्मान समारोह में इन स्टूडेंट्स ने अपने व्यूज शेयर किए तो जजेस भी हैरत में पड़ गए। दरअसल, सम्मान समारोह में देश की कई युनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स से निबंध मंगाए गए थे। निबंध का सब्जेक्ट था, जो मैं कर सकता या सकती हूं। अवार्ड के लिए आए पार्टिसिपेंट्स ने देश व समाज में चेंजेस को लेकर अपने थॉट्स प्रेजेंट किए, जिन्हें जजेस ने भी भरपूर सराहा।

10 finalists ने रखे अपने विचार
दामोदरश्री पुरस्कार समारोह के दौरान जजेस द्वारा सेलेक्टेड दस फाइनलिस्टों में अभिनव कुमार, अंशी अग्रवाल, अर्पिता घटक, इरम खान, प्रियंका डांडी, साहिल दामा, सत्यम तिवारी, शाजिया जावेद, उत्सव परासर, वत्सल वासुदेव ने अपने विचार लोगों के सामने रखे। दूसरे सत्र में दसों फाइनलिस्ट्स में जजेस ने विनर का सेलेक्शन किया। विनर्स में फस्र्ट अर्पिता घटक, सेकंड साही दामा व थर्ड ईरम खान रहीं। विजेताओं में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन अहमदाबाद की स्टूडेंट अर्पिता घटक को फस्र्ट प्राइज के तौर पर एक लाख रुपए का चेक देकर सम्मानित किया गया। वहीं जोधपुर के साही दामा को सेकंड प्राइज में 51 हजार रुपए का चेक दिया गया जबकि थर्ड प्राइज में 31 हजार रुपए न्यू दिल्ली की ईरम खान को प्रदान किया गया। अंडर ग्रेजुएट कैटेगरी में अभिनव कुमार व शाजिया जावेद को 21-21 हजार रुपए पुरस्कार के तौर पर दिए गए। स्पेशल अवार्ड के तौर पर एसएस खन्ना की स्टूडेंट रचना भारती को अक्षरा सम्मान व 11 हजार रुपए प्रदान किए गए।

दो साल पहले शुरू हुआ दामोदरश्री सम्मान
सारस्वत खत्री पाठशाला समिति व एसएस खन्ना डिग्री कालेज की ओर से अकादमिक महोत्सव दामोदरश्री पुरस्कार की शुरुआत दो साल पूर्व हुई थी। ये पुरस्कार स्वर्गीय प्रो। दामोदर दास खन्ना की स्मृति में शुरू किया गया था। पुरस्कार ऐसे युवाओं को दिया जाता है, जो समाज और देश की सोच बदलने का माद्दा रखते हैं। पुरस्कार के लिए देश के सभी बड़ी और सेन्ट्रल यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स से निबंध आमंत्रित किए जाते हैं। निबंध में वह देश व समाज के डेवलपमेंट के लिए उठाए जाने वाले कदमों को अपने विचार के जरिए रखते हैं। इन्हीं बेहतरीन निबंधों में से दस फाइनलिस्ट चुने जाते हैं, जिन्हें पुरस्कार के फाइनल सेलेक्शन के लिए बुलाया जाता है। समारोह में सभी फाइनलिस्ट्स को अपने निबंध के बारे लोगों के सामने अपना पक्ष रखना पड़ता है। सभी दसों फाइनलिस्ट्स को सुनने के बाद जजेस विनर का सेलेक्शन करते हैं.