प्रयागराज ब्यूरो । यमुनापार के दांदूपुर गांव में मंगलवार को करबला के लुटे हुए काफिले की याद में जुलूसे अमारी निकाला गया। मौलाना सैयद जवादुल हसन रिजवी ने मजलिस को पढ़कर जुलूस का आगाज किया। इसके बाद जुलूस कदीमी रास्ते से होता हुआ स्थानीय करबला पहुंचा। लखनऊ से आए मौलाना कुमैल अब्बास रिजवी ने अमारियों का परिचय कराया। अमारियों और जुल्जनाह की शबीह पर लोगों ने फूल-माला चढ़ाकर अकीदत का इजहार किया। इस अवसर पर 18 अलम, मासूम अली असगर के झूले और अली अकबर के सेहरे की भी जियारत कराई गई, जिसे देख अजादार रो पड़े।
शहादत का मंजर किया बयां
जौनपुर से आई अंजुमन सज्जादिया ने पुरदर्द अंदाज में नौहाख्वानी कर इमाम हुसैन की शहादत का मंजर बयान किया, जिसपर अकीदतमंदों ने खूब आंसू बहाए। मौलाना इरशाद हैदर के संचालन में दिल्ली से आए मौलाना सैयद नजर मोहम्मद जैनबी और आजमगढ़ से आए मौलाना सैयद मोहम्मद मेहंदी ने इमाम हुसैन और उनके परिवार पर हुए जुल्म का मंजर बयान किया। जुलूस के दौरान जुल्जनाह की शबीह बिना किसी लगाम या इशारे के दौड़ता हुआ मस्जिद से करबला तक पहुंचा। इसके बाद मंजरकशी पेश की गई। इस मंजर को देखने के लिए बड़ी संख्या में अकीदतमंद पूरे रास्ते मौजूद रहे। वहीं दूसरी ओर विभिन्न अंजुमन, संस्था व सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से मार्ग पर सबील व लंगर का भी इंतजाम रहा। जुलूस के समापन के मौके पर महिलाओं व बच्चों ने भी पुरदर्द अंदाज में नौहा व मातम का पुरसा पेश किया।

By: Inextlive | Updated Date: Wed, 20 Sep 2023 01:35:43 (IST)