संगम किनारे संतों का निर्णय, घर वापसी को और करेंगे तेज

धर्मातरण, लव जिहाद, पीके एवं गौहत्या होने पर बिफरे

घर वापसी, लव जेहाद और पीके का विरोध। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण के लिए देश भर में माहौल बनाने और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात। यह वह मुद्दे थे जो माघ मेला क्षेत्र में शनिवार को देश भर के साधु-संतों ने विश्व ¨हदू परिषद के बैनर तले चिंतन किया और भविष्य की रणनीति तय की। जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के शिविर में जुटे संतों ने तय किया कि अयोध्या में सोमनाथ मंदिर जैसा भव्य मंदिर बनाने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। उनसे मंदिर की बाधा दूर करने की मांग करेंगे।

अनुकूल समय आ चुका है

रामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि मोदी के सत्ता में आने के साथ ही मंदिर निर्माण की पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी है। विश्व ¨हदू परिषद को इसकी अगुवाई करनी होगी। संतों ने कहा कि धर्मातरण किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं है। इस पर केंद्र सरकार को कड़ा कानून बनाना चाहिए। घर वापसी को उन्होंने जायज बताया और कहा कि इसे और गति देने की जरूरत है। जगद्गुरु मध्वाचार्य विद्यात्मतीर्थ महाराज ने तो यहां तक कहा कि हर ¨हदू यह संकल्प ले कि वह एक व्यक्ति की घर वापसी अनिवार्य रूप से कराएगा। संतों ने लव जिहाद को भी धर्म के लिए खतरा बताया और इससे निपटने का रास्ता सुझाया। काशी सुमेरु पीठाधीश्वर के शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि हर विवाह में जब तक माता-पिता की सहमति न हो उस विवाह को स्वीकार न किया जाए।