6.5

लाख श्रद्धालुओं ने लगायी डुबकी

05

सेक्टर में विभाजित है मेला एरिया

12

स्नान घाट तैयार किये गये हैं

05

पांटून पुल का निर्माण आवागमन के लिए

20

मुख्य मार्ग का निर्माण हुआ है चकर्ड प्लेट से

190

किमी। लम्बी बिछाई गयी है पेयजल आपूर्ति के लिए पाइप लाइन

23

विद्युत उपकेन्द्र बनाकर हो रही विद्युत आपूर्ति

18500

स्ट्रीट लाइटें लगायी गयी हैं मेला क्षेत्र में

08

पार्किंग स्थल का कराया गया है निर्माण

1390

सामुदायिक शौचालयों का निर्माण

3364

कनात शौचालय बनवाये गये

1600

सफाईकर्मी लगाये गये हैं मेले में

50

बेड के दो अस्पताल में भर्ती होंगे मरीज

12

स्वास्थ्य शिविर बनाये गये

10

प्राथमिक उपचार केन्द्र बने

72

घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच लाना जरूरी है कल्पवासी के लिए

12

सर्विलांस टीमें लगायी गयी हैं

6-6

टीमें लगा रहीं कोरोना टीका और कोरोना जांच

प्रयागराज (ब्यूरो)। कोरोना के फैलते संक्रमण का भय मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने बिल्कुल नहीं था। मगर इसे लेकर उनमें चिंता व सतर्कता जरूर दिखाई दी। श्रद्धालुओं द्वारा संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला भोर से शुरू हुआ तो शाम तक चलता रहा। संगम के साथ ही भक्तजन रामघाट, दारागंज, अक्षयवट, गंगोत्री शिवाला व फाफामऊ एवं रसूलाबाद घाट पर भी गंगा में स्नान किए। स्नान बाद भगवान सूर्य देव को जल देकर सुख, शांति व अच्छे स्वास्थ्य की कामना किए। इतना ही नहीं, माघ मेला की पवित्र भूमि पर स्नान बाद श्रद्धालुओं द्वारा खिचड़ी, काला तिल, गुड़, द्रव्य आदि का तीर्थपुरोहितों को दान किए। यजमानों की भक्ति भावना व दान-पुण्य से गदगद तीर्थपुरोहित उन्हें दिल खोलकर आशीर्वाद देते रहे। तमाम महिलाएं रास्ते भर भजन तो पुरुष जयकारा लगाते रहे। आस्था की ताकत के सामने कोरोना का खौफ दुबका हुआ नजर आया।

आज भी लगाएंगे डुबकी

मेला क्षेत्र के तीर्थ पुरोहितों की माने तो 14 जनवरी की रात 8.49 बजे सूर्य देव का धनु से मकर राशि में प्रवेश हुआ है। सूर्य के उत्तरायण होने की वजह से मकर संक्रांति का पुण्यकाल शनिवार को पड़ रहा है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने से लाखों श्रद्धालुओं ने शुक्रवार को ही डुबकी लगा लिए। जबकि लाखों श्रद्धालु आज पुण्यकाल में मकर संक्रांति पर स्नान स्नान करेंगे। बताया गया कि शनिवार को स्नान के बाद ही संतों व गृहस्थों का कल्पवास यहां से शुरू होगा।