खादी प्रदर्शनी के उद्घाटन में वाराणसी से लाया गया था सोलर चरखा

मंत्री के जाने के बाद चरखा दूसरी प्रदर्शनी के उद्घाटन में बलिया भेज दिया

ALLAHABAD: माघ मेला के दौरान प्रतिवर्ष खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की ओर से खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है। इस बार प्रदर्शनी का आगाज 18 जनवरी को हुआ। इसका शुभारंभ खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने किया। खास बात ये थी कि आधुनिक तरीके से खादी को व्यापक पहचान दिलाने के लिए सोलर चरखा का स्टॉल लगाया गया था। इसकी चर्चा खुद मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में की। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में सोलर चरखा की ज्यादा से ज्यादा जानकारियां लोगों को दी जाएंगी। लेकिन हकीकत ये है कि मंत्री जी के वापस होते ही स्टॉल से सोलर चरखा भी वापस हो गया।

वाराणसी से मंगाया गया था

प्रदर्शनी का शुभारंभ जिस दिन होना था उसके एक दिन पहले गांधी आश्रम सेवापुरी से सोलर चरखा मंगाया गया था। इसका बाकायदा स्टॉल के अगल बगल गुब्बारा लगाकर प्रदर्शन किया गया। इसके साथ हण्डिया से आए मोतीलाल ने बताया था कि 12 फरवरी तक सोलर चरखे का प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान यह बताया जाएगा कि किस तरह इससे सूत काटा जाएगा और प्रति घंटे कितना सूत बनेगा। उद्घाटन से पहले चरखा रखा गया तो परिसर में इसे देखने और समझने के लिए भीड़ भी जुटी।

मंत्री के जाते ही हुआ नदारद

खादी मंत्री सत्यदेव पचौरी के वापस जाते ही स्टॉल से सोलर चरखा नदारद हो गया। शनिवार को स्टॉल पर पारंपरिक चरखा रखा था वह भी सफेद कपड़े से ढक कर, लेकिन आधुनिक सोलर चरखा नहीं दिखा। जब उसके बारे में जिला ग्रामोद्योग अधिकारी राम औतार यादव से बात की गई तो पता चला की उन्हें भी नहीं मालूम कि चरखा आखिर गया कहां। उन्होंने संबंधित प्रभारी राम सुमेर से बात की तो उसने बताया कि बलिया लेकर चले आए हैं। पता चला कि वहां भी शनिवार को खादी प्रदर्शनी का उद्घाटन होना है।

आप तो निगेटिव चीज ही ढूंढ रहे हैं। सोलर चरखे को तो प्रदर्शनी के लिए ही मंगाया गया था। अच्छा पांच मिनट का समय दीजिए पता करता हूं कहां गया सोलर चरखा।

राम औतार यादव, जिला ग्रामोद्योग अधिकारी