प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर सवाल पहली बार नहीं उठा है। 2017 पीसीएस भर्ती का मामला न जाने कितनों की जिंदगी को बर्बाद कर गया। इस भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थी ओवरएज हो गए। हैरत है कि छह साल बाद भी इस भर्ती परीक्षा की सीबीआई जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। ऐसे में आयोग में हुई गड़बड़ी का दंश झेलने वालों में अपने कैरियर की बर्बादी पर बहुत मलाल है। मगर अब उनके हाथ में कुछ नहीं बचा है। उल्टा अब उन्हें सीबीआई के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।

अफसर बनने का सपना अधूरा
2017 में पीसीएस परीक्षा को लेकर आंदोलन हो गया। आयोग पर परीक्षा परिणाम को लेकर गंभीर आरोप लगे। तात्कालीन योगी सरकार ने सीबीआई जांच बैठा दी। 25 जनवरी 2018 को सीबीआई ने जांच शुरू की। अयोध्या की रहने वाली एक छात्रा ने आश्वासन के बाद सीबीआई को परीक्षा में गड़बड़ी संबंधी साक्ष्य मुहैया कराए। छात्रा 2020 में ओवरएज हो गई। छात्रा वापस लौट चुकी है। आजमगढ़ के एक छात्र ने एसडीएम पद पर चयनित एक अधिकारी का बैंक डिटेल और अन्य साक्ष्य सीबीआई को मुहैया कराया था। 2019 में छात्र ओवरएज हो गया। अब आजमगढ़ में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने को मजबूर है।

आरोपितों का कोई पता नहीं
आयोग की भर्तियों की जांच का जिम्मा आईपीएस राजीव रंजन को सौंपा गया। इसके बाद आईआरएस अफसर जितेंद्र कुमार, दिल्ली कैडर के आईपीएस अतुल ठाकुर, आईपीएस सुमन कुमार, विकास कुमार को जांच सौंपी गई, मगर जांच किसी नतीजे पर अभी तक पहुंच नहीं सकी है।

633 परीक्षा की होनी थी जांच
सीबीआई को अप्रैल 2012 से मार्च 2017 तक करीब 633 भर्ती की जांच करनी थी। शुरुआत में सीबीआई ने तेजी दिखाई, इस पर बारह हजार छात्रों ने अपने बयान दर्ज कराए। मगर जांच का कोई पता नहीं है।

कब क्या हुआ
31 जुलाई 2017 को यूपी सरकार ने आयोग की भर्तियों की सीबीआई जांच की सिफारिश की।
21 नवंबर 2017 को केंद्र सरकार के कार्मिक पेंशन मंत्रालय ने सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी की।
25 जनवरी 2018 को सीबीआई ने जांच शुरू की।
31 जनवरी 2018 को आईपीएस राजीव रंजन ने आयोग में विरोध के बीच दस्तावेजों की तलाशी ली।
5 मई 2018 को सीबीआई ने आयोग के खिलाफ पहली एफआईआर दर्ज किया।
19 जून 2018 को सीबीआई ने अपर निजी सचिव परीक्षा में गड़बड़ी पाई। प्रदेश सरकार से जांच की अनुमति मांगी।
4 अक्तूबर 2018 को अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा की जांच का अनुमोदन हुआ।
4 अगस्त 2021 को अपर निजी सचि भर्ती 2010 मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें तात्कालीन परीक्षा नियंत्रक प्रभुनाथ को नामजद किया गया।


युवा मंच ने सीएम को भेजा पत्र
युवा मंच संयोजक राजेश सचान ने 17 मार्च को
होने वाली पीसीएस पेपर के लीक न होने गारंटी दी जाए। बाबत सीएम को पत्र भेजा है। मांग की है कि
यदि इस दौरान चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है तो आश्वासन दिया जाए कि आचार संहिता का असर पेपर पर नहीं पड़ेगा। अन्यथा की स्थिति में परीक्षा की तिथि बढ़ाई जाए।