प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रो। ईश्वर टोपा अकादमिक कॉम्प्लेक्स में मंगलवार को राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिवीजन के सहयोग से डिजिटल इंडिया टॉक शो विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विशेषज्ञों ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कुलसचिव प्रो। आशीष खरे ने ने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम ने भारत में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं और विश्वविद्यालय ने भी कई पहलें जैसे एबीसी आईडी, डिजीलॉकर और साइबर सिक्योरिटी को अपनाया है।

बताया गया ई गवर्नेंस
नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन के निदेशक जेएल गुप्ता ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि यह कार्यक्रम ई-गवर्नेंस को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डीन-रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रो। एसआई रिजवी ने यूपीआई का उदाहरण देते हुए तकनीकी विकास में भारत की स्थिति को उजागर किया। कार्यशाला के पहले सत्र में करण टंडन ने डिजीलॉकर और एनटिटी लॉकर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजीलॉकर में कोई भी व्यक्ति अपने
दस्तावेज सुरक्षित रख सकता है। इसके अलावा, साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ अर्शिल खान ने साइबर सिक्योरिटी और डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट पर जानकारी दी।

'उमंग' पर सरकारी स्कीम
दूसरे सत्र में अजीत कुमार ने उमंग पोर्टल का परिचय दिया, जिसमें सरकारी सेवाओं का ब्योरा उपलब्ध है। कृत्वी पालीवाल ने मानस पोर्टल और नशामुक्ति के लिए विद्यार्थियों से सहयोग की अपील की। अंत में, गौरव खरे ने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) आईडी के बारे में बताया। अंत में कुलपति प्रो। संगीता श्रीवास्तव ने कार्यशाला के सफल आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार अपनी डिजिटल सेवाओं के बारे में समाज में जागरूकता फैला रही है।