प्रयागराज ब्यूरो । अगर कोई सरकारी कर्मचारी आपका काम नहीं कर रहा है। काम के बदले रिश्वत मांग रहा है तो डरने, घबराने, परेशान होने की जरुरत नहीं है। कर्मचारी को आश्वस्त कर दीजिए की उसकी डिमांड पूरी होगी। इसके बाद विजिलेंस आफिस में कर्मचारी की शिकायत कीजिए। जांच में मामला सही पाए जाने पर विजिलेंस टीम आपके साथ जाएगी। कर्मचारी को घूस की रकम देते समय उसे ट्रैप करेगी। कर्मचारी ने घूस की रकम अपने हाथ में ली तो फिर उसके खिलाफ केस दर्ज होगा।
ऐसे करें शिकायत
1-किसी भी डिपार्टमेंट का अगर कोई सरकारी कर्मचारी काम के बदले घूस
मांग रहा तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
2- कर्मचारी गजटेड या नॉन गजटेड किसी भी लेवल का हो सकता है।
3- विजिलेंस के आफिस में लिखित शिकायत करें।
4- विजिलेंस टीम शिकायत की जांच करेगी।
5- शिकायत सही पाए जाने पर आरोपित को ट्रैप करने के लिए विजिलेंस टीम गठित की जाएगी।

ऐसे काम करती है विजिलेंस
1- विजिलेंस टीम नोट की गड्डी पर एक केमिकल लगाती है।
2- ये केमिकल बाजार में नहीं मिलता है।
3- ये केमिकल केवल विजिलेंस के पास रहता है।
4- विजिलेंस टीम कर्मचारी को रिश्वत देते समय आसपास रहती है।
5- जैसे ही कर्मचारी नोट की गड्डी पकड़ता है, विजिलेंस टीम उसे ट्रैप कर लेती है।
6- पकड़े गए कर्मचारी का हाथ धुलवाया जाता है।
7- कर्मचारी के हाथ से गुलाबी रंग छूटता है।
8- गुलाबी रंग छूटने का मतलब है कि कर्मचारी ने उसी नोट को लिया, जिस पर केमिकल लगाया गया था।
9- कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया जाता है।
10- कर्मचारी के खिलाफ पीडि़त से तहरीर लेकर केस दर्ज कराया जाता है।
11- आरोपित कर्मचारी को एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाता है।
12- एंटी करप्शन कोर्ट आरोपित कर्मचारी को जेल भेज देती है।

वापस मिल जाती है रकम
यह जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग इस बात के डर से शिकायत नहीं करते हैं कि बेवजह उनकी रकम जांच में फंस जाएगी। मगर ऐसा नहीं होता है। पीडि़त द्वारा घूस में दी गई रकम को एक महीने के अंदर विजिलेंस द्वारा वापस कर दिया जाता है। यह रकम सरकारी खजाने से मिलती है। जबकि घूंस में दी गई रकम को जांच के लिए सुरक्षित कर ली जाती है।

सारा खेल केमिकल का
आरोप सिद्ध करने के लिए सारा खेल केमिकल का है। घूस में दी जाने वाली नोटों में केमिकल लगाया जाता है। जब कर्मचारी नोट को पकड़ता है तो केमिकल उसकी उंगलियों में लग जाता है। विजिलेंस टीम कर्मचारी का हाथ धुलवाती है। इस दौरान उसके हाथ से गुलाबी रंग छूटता है। विजिलेंस टीम नोटों को और हाथ धोने से छूटे गुलाबी रंग को लैब में जांच के लिए भेजती है। जिससे कन्फर्म होता है कि कर्मचारी ने वही नोट पकड़ी, जिसमें केमिकल लगा था।

हुई शिकायत तो पकड़े गए
1- कानूनगो रामकृष्ण मिश्रा को दस हजार रुपये घूंस मांगने पर पकड़ा गया। विजलेंस टीम ने पीडि़ता सुमन देवी की शिकायत पर की कार्रवाई। 10 हजार रुपये मांगी थी घूस।
2- शिकायतकर्ता मनीष सिंह की शिकायत पर कानूनगो बृजबली को किया गया गिफ्तार। विजिसेंट टीम ने सहसों में की कार्रवाई। 15 हजार रुपये मांगी थी घूंस।
3- शिकायतकर्ता शिवम श्रीवास्तव ने ने विधि सह परिवीक्षा अधिकारी विवेक कुमार द्विवेदी की शिकायत की थी। पांच हजार रुपये मांगी गई थी घूंस। विजिलेंस ने रंगे हाथ पकड़ा।
4- डीसीपी के सचिव कृष्णचंद्र त्रिपाठी ने मांगी थी बीस हजार रुपये घूंस। आलोक कुमार ने विजिलेंस से की थी शिकायत।