प्रयागराज (ब्‍यूरो)। चक पूरे खुर्द मियां का पूरा गांव निवासी बिजली मिस्त्री बजरंग बहादुर के एक बेटा व एक बेटी है। बेटे की शादी के बाद उसे बेटी हुई। करीब दो तीन साल पूर्व उसके इकलौते बेटी की मौत हो गई। बताते हैं कि पति की मौत के बाद बहू भी ससुरालियों से नाता तोड़ ली। बेटी अंशिका को छोड़कर वह गई तो आज तक नहीं लौटी। बजरंग बहादुर घर में पत्नी प्रेमा देवी व बेटी तनु एवं पोती अंशिका के साथ किसी तरह जीवन बसर कर रहा था। नौ दिनों तक नवरात्र व्रत रही तनु जिस कमरे में पूजा करती थी उसी में सोया भी करती थी। उसके पिता बजरंग बहादुर व मां प्रेमा एवं भतीजी अंशिका एक दूसरे कमरे में सोती थी। मंगलवार रात भी सभी इसी तरह अपने-अपने कमरे में सो रहे थे। कहा जा रहा है कि देर रात छत के रास्ते से यमदूत बनकर हमलावर उसके घर के अंदर दाखिल हुए।
बेटी की चीख से टूटी मां की नींद
हमलावरों ने अंदर कमरे में सो रही तनु के चेहरे व शरीर लकड़ी के पिटना से प्रहार किया। इससे उसकी चीख निकली तो दूसरे कमरे में सो रही मां प्रेमा व पिता बजरंग बहादुर की नींद खुल गई। परिजनों के उठने की आहट पाकर हमलावरों ने तनु की गर्दन पर धारदार हथियार चला दिया। गला कटने से उसकी ऑन स्पॉट मौत हो गई। उसके शरीर से निकला ब्लड पूरे कमरे में फैल गया। इसके बाद कातिल उस कमरे में दाखिल हुए जिसमें बजरंग बहादुर और उसकी पत्नी प्रेमा एवं पोती अंशिका थी। कमरे में पहुंचते ही हत्यारों ने पति व पत्नी पर भी धारदार हथियार से एक के बाद एक वार किया। इन दोनों को चीखने व बिस्तर से उठने तक का मौका नहीं मिला। एक दूसरी चारपाई पर काफी कपड़े थे जिस पर अंशिका सो रही थी। बाबा और दादी पर बेरहमी से हमले को देख उस मासूम के दिमाग में एक बात यह आ गई कि यदि वे बोली तो उसे भी वे नहीं छोड़ेंगे। लिहाजा वह तख्त के नीचे छिप गई। शायद यही वजह थी कि हत्यारों की नजर उस मासूम पर नहीं पड़ी और वह बच गई। इस तरह तीनों को मृत समझ हमलावर घर के अदंर से दफा हो गए।

पुलिस पहुंची तो उग्र हो गए ग्रामीण
बुधवार की सुबह करीब छह बजे अंशिका हिम्मत कर दरवाजा खोलकर बाहर आई तो लोगों को देखकर चीख पड़ी।
उसकी चीख सुनकर पड़ोसी व परिवार के अन्य लोग दौड़ पड़े। सभी पहुंचे तो कमरे के मंजर देख उनके रोंगटे खड़े हो गए।
बात मालूम चली तो बिस्तर छोड़ आंख मींजते हुए ग्रामीण मौका-ए- वारदात पर इकट्ठा हो गए।
सभी ने चेक किया तो प्रेमा देवी व उसकी बेटी तनु की मौत हो चुकी थी। बजरंग बहादुर की हालत भी नाजुक बनी थी
यह देख लोगों द्वारा खबर पुलिस को दी गई। सुबह-सुबह इस सनसनीखेज घटना की जानकारी मिली तो अफसर भी सन्नाटे में आ गए।
क्राइम ब्रांच, फोरेंसिक, डॉग स्क्वायड टीम सहित कई थानों की फोर्स व एसपी क्राइम, एसपी यमुनापार के साथ डीआईजी/ एसएसपी मौके पर पहुंचे।
पुलिस पहुंची तो वारदात से नाराज परिजनों व ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्हें समझाने व शांत कराने में अफसरों को सुबह से तीन बज गए।
किसी तरह पुलिस मां और बेटी की बॉडी को वहां से पोस्टमार्टम हाउस भेजी। बॉडी पोस्टमार्टम हाउस पहुंची तो करीब साढ़े तीन हो चुके थे।
कागजात और परिवार को कोई व्यक्ति देर शाम तक यहां नहीं पहुंचा था। गंभीर हालत में पुलिस बजरंग बहादुर को हॉस्पिटल में पहले ही एडमिट करवा चुकी थी।

नामजद लोग और इसकी वजह
छानबीन में जुटी पुलिस देर शाम तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी थी। कत्ल की वजह को लेकर तरह-तरह के कयास और आशंकाएं कुछ लोग व्यक्त करते रहे। इन सब के बीच शाम को जिंदगी और मौत से हॉस्पिटल में जंग लड़ रहे बजरंग बहादुर के भतीजे राज बहादुर पटेल द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई। तहरीर में उसके द्वारा गांव के ही नवनील चंद्र मिश्र, महेश नारायण मिश्र, आकाश मिश्र व सुजीत कुमार पर हत्या का आरोप लगाया गया है। इन पर इस आरोप की वजह पुरानी रंजिश बताई गई। इस रंजिश की कड़ी भी हत्या से ही जोड़ कर देखी जा रही है। कहना यह है कि साल भर पूर्व आरोपित नवनील के भाई नवनीत की हत्या हुई थी। नवनीत की हत्या में उसका परिवार हत्या बजरंग बहादुर को गुनहगार मान रहा था।

गंभीर रूप से घायल बजरंग बहादुर को हॉस्पिटल में एडमिट करवा दिया गया है। पुलिस महिला और उसकी बेटी के इस मामले की जांच कर रही है। परिवार की तरफ से चार के खिलाफ हत्या की नामजद तहरीर दी गई है। घटना के पीछे पुरानी रंजिश बताई गई है।
सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी एसएसपी