- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पहले छात्र और फिर शिक्षक के रूप में लंबे समय तक जुड़े रहे डॉ। जोशी

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PRAYAGRAJ: बाबरी मस्जिद विध्वंस में प्रमुख आरोपियों में शामिल डॉ। मुरली मनोहर जोशी का संगम नगरी प्रयागराज से कई दशकों का पुराना नाता रहा है। कालेज में पढ़ाई से लेकर राजनीति के सफर की लंबी दास्ता यहां से जुड़ी है। डॉ। जोशी ने प्रारम्भिक शिक्षा के बाद मेरठ से अपनी बीएससी किया और उसके बाद एमएससी करने के लिए इलाहाबाद यूनिवर्सिटी आ गए। यहां से उन्होंने फिजिक्स में एमएससी की डिग्री हासिल की और इसके बाद डाक्टरेट की उपाधि हासिल की। हालांकि डॉ। जोशी का 1944 से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जुड़ चुके थे। इसके साथ ही वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी 1949 से जुड़े रहे। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के कुलपति रहे प्रो। राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया से संपर्क में आने के बाद वह संघ के कार्याे में प्रमुखता से प्रतिभाग करने लगे इस दौरान उन्होंने गौ रक्षा संबंधी आन्दोलन से भी जुड़े रहे।

बीजेपी की स्थापना से जुड़े रहे जोशी

भारतीय जनता पार्टी की स्थापना 1980 में हुई। डॉ। जोशी उसी समय से बीजेपी से जुड़े रहे। बाद में उन्हें बीजेपी का अध्यक्ष भी बनाया गया। 1996 में वह केंद्र सरकार में गृहमंत्री व बाद में मानव संसाधन विकास व विज्ञान ाअैर प्रौद्योगिकी मंत्री भारत सरकार रहे। इसके बाद वह लगातार इलाहाबाद से चुनाव लड़े। हालांकि 2004 में हारने के बाद उन्होंने इलाहाबाद को छोड़ दिया और वाराणसी चले गए। वर्ष 2014 में वह कानपुर से चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। श्रीराम मंदिर आन्दोलन में भी वह काफी सक्रिय रहे। इस दौरान कारसेवकों से वह सक्रियता से जुड़े रहे।