प्रयागराज ब्यूरो । शहर में सिविल लाइंस धोबीघाट होते हुए राजापुर उचवागढ़ी से आगे जाने वाले नाले की बदतर है तस्वीर
क्कक्र्रङ्घ्रत्रक्र्रछ्व: बारिश को देखते हुए नाला सफाई के लिए करोड़ों रुपये का टेंडर लेने वाली संस्थाएं खुलेआम लोगों की आंख में धूल झोंक रही हैं। नाला सफाई को लेकर नगर निगम द्वारा किए जा रहे दावे पोल खुद बजबजा रहे नाले खोल रहे हैं। उदाहरण के रूप में शहर के राजापुर उचवागढ़ी नाला के कंडीशन को देखा जा सकता है। 'दैनिक जागरण आईनेक्स्टÓ द्वारा सोमवार को इस नाले की सफाई को लेकर पड़ताल की गई। नाला सफाई के बदतर मिले हालात को लेकर बात पब्लिक से की गई तो जिम्मेदारों की कथनी और करनी में बड़ा अंतर बताया गया। पब्लिक की मानें तो इस नालों को पिछले दो तीन वर्षों से साफ नहीं किया गया। सफाई नहीं होने से पुलिया के पास नाला में ट्रक भर कूड़ाकरकट फंसा हुआ है। हालात यही रहे तो बारिश में यहां होने वाले जल भराव के चलते हजारों लोगों का जीवन नारकीय होना करीब तय है।

करोड़ों में टेंडर और कौडिय़ों में काम
मानसून के पहले नाला सफाई को लेकर नगर निगम हर साल कागजी घोड़ा दौड़ाना शुरू कर देता है। पब्लिक को जल भराव की समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए नाला सफाई पर ढाई तीन करोड़ रुपये हर वर्ष खर्च किए जाते हैं। जानकार बताते हैं कि इस बार भी नाला सफाई के लिए कई बाहरी संस्थाएं टेंडर ले चुकी हैं। टेंडर लेनी वाली संस्थाओं का दावा है कि नाला सफाई का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। बताए जा रहे इन बातों की पुष्टि विभागीय कागज भी करते हैं। मगर, जमीन पर नाला सफाई की हकीकत इन दवाओं से काफी डिफर है। नाला सफाई की हकीकत का पता लगाने के लिए सोमवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट रिपोर्टर द्वारा रियलिटी चेक किया गया।
कई सालों से नहीं हुई सफाई
रिपोर्टर नाला सफाई की कंडीशन को देखते हुए राजापुर उचवागढ़ी नाले की पुलिया पर पहुंचा। पूछताछ में लोगों ने बताया कि यह नाला सिविल लाइंस इलाके से धोबीघाट उचवागढ़ी और बेली व म्योराबाद होते हुए गंगा नदी में मिलता है। इस नाले की सफाई पिछले कई वर्षों से नहीं की गई। यह हालात तब हैं जब खुद महापौर नाला सफाई को लेकर काफी सख्त रुख अपनाए हुए हैं। मतलब यह कि नगर निगम के जिम्मेदारों को महापौर के सख्त रुख का भी कोई डर नहीं है और नाला सफाई को लेकर वे खोखले दावे किए जा रहे हैं।

पब्लिक कोट
मोहल्ले में समस्या ही समस्या है। बात नाला सफाई की करें तो पिछले दो तीन वर्षों में कभी नहीं हुआ। पुलिया के पास में कचरा फंसा हुआ है। क्योंकि पुलिया के नीचे से एक पाइप बिछा दी गई है। इस पाइप में जितना भी अलमजार है फंसा रहता है। नाला सफाई उचवागढ़ी में तो नहीं हुई। अब कहीं और की बात नहीं नहीं जानते। सबसे बड़ी समस्या नाला सफाई के साथ दूषित जलापूर्ति की भी है।
अंशुमान मौर्या, राजापुर गंगोत्री नगर

धोबी घाट से होते हुए यह नाला यह नाराज उचवागढ़ी मोहल्ले से निकल कर गंगा नदी में मिलता है। नाला सफाई का शोर हर साल सुनने को मिलता है। मगर उचवागढ़ी मोहल्ले का नाला कभी भी साफ नहीं हुआ। कंडीशन खुद ही देख सकते हैं। नाला साफ नहीं होने से बारिश का पानी से यहां जल भराव की स्थिति बन जाती है। विभाग के खोखले दावे की तस्वीर देखना है तो उचवागढ़ी पुलिया के पास नाला को देख लीजिए।
फूलचंद, राजापुर उचवागढ़ी

इस मोहल्ले से नगर निगम हो या जलकल विभाग सिर्फ कर वसूलना जानता है। सुविधा के नाम पर यहां कुछ भी नहीं है। बारिश होने वाली है पिछले वर्षों की तरह इस बार भी नाला अब तक साफ नहीं किया गया। इससे भी बड़ी समस्या यह है कि मोहल्ले में करीब एक महीने से दूषित जलापूर्ति की सप्लाई हो रही है। घटिया किस्म की पेयजल आपूर्ति के करण लोग बड़े वाले बोतल का पानी खरीद कर पीने को मजबूर हैं।
अमित कुमार, उचवागढ़ी राजापुर


नाला सफाई के नाम पर पब्लिक से धोखा किया जा रहा है। अब तक राजापुर उचवागढ़ी का नाल नगर निगम साफ नहीं करवा सका। नाला में डस्ट और फेके गए कपड़े एवं पालीथिन आदि पुलिया के पास फंसे हुए हैं। जिसकी वजह से बारिश में पानी नहीं निकल पाता और बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। मशीन से नाला सफाई की कुछ दिन पहले बात सुनने को मिली थी। मगर मशीन तो दूर यहां सफाई कमिर्यों से भी नाला सफाई का काम नही कराया जा रहा।
ऋतुराज कनौजिया, उचवागढ़ी राजापुर



लोग नाले पर कब्जा करते जा रहे हैं। कंडीशन यह है कि गाड़ी तक जाने की जगह नहीं है। नाला में ही कूड़ाकरकट लोग फेक रहे हैं। जबकि बारिश में हर बार जल निकासी न होने से लोग परेशान होते हैं। समस्या को देखते हुए हम ठेकेदार से इस नाला सफाई की बात किए हैं। सदन की बैठक में भी मसला उठाया जाएगा।
हीरालाल उर्फ भोला तिवारी, पार्षद उचवागढ़ी राजापुर