बस सादे कागज पर लिखनी होगी प्रॉब्लम

हेल्थ डिपार्टमेंट सिटी के गल्र्स इंटर कॉलेजेस में ड्रॉप बॉक्स लगाने की तैयारी कर रहा है। कैंपस के किसी सेप्रेट और सेफ प्लेस पर लगाए जाने वाले इन बॉक्स में गल्र्स आसानी से अपनी प्रॉब्लम किसी सादे कागज पर लिखकर डाल सकेंगी। इसमें उन्हें केवल अपना क्लास और नाम लिखना होगा। ऑफिसर्स कहते हैं कि यह बॉक्स सील कर दिए जाएंगे और इन्हें केवल हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम को ही खोलने का राइट होगा।

प्लानिंग को स्मूथली चलाने की तैयारी

इस प्लानिंग को हेल्थ डिपार्टमेंट ने अपनी हाई प्रॉयरिटी पर रखा है। इसे स्मूथली चलाने के लिए अर्श क्लीनिक प्रोग्राम और एनजीओ की हेल्प ली जा रही है। ऑफिसर्स का कहना है कि रोजमर्रा के कामकाज के चलते ऐसी इम्पार्टेंट प्लानिंग दम तोड़ देती हैं इसलिए इन्हें चलाने का जिम्मा संस्थाओं को दिया जा रहा है। ताकि, वह टाइम टु टाइम गल्र्स की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन करा सकें। उनकी जवाबदारी सीधे हेल्थ डिपार्टमेंट को होगी।

किनके लिए है यह फैसिलिटी

हेल्थ डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स कहते हैं कि ब्वॉयज तो आसानी से अपनी सेक्सुअल प्रॉब्लम्स का सॉल्यूशन ढूंढ लेते हैं लेकिन गल्र्स को काफी परेशानी होती है। संकोच के चलते वह अपने फैमिली मेंबर्स से भी इन्हें शेयर नहीं कर पाती हैं। नतीजतन कई बार वह गलत हाथों मे पड़ जाती हैं या किसी खतरनाक बीमारी की शिकार हो जाती हैं। क्लास नाइंथ से ट्वेल्थ की गल्र्स को ऐसी प्रॉब्लम से जूझना पड़ता है इसलिए हमने इंटर कॉलेजेस में ही ड्रॉप बॉक्स लगाने की प्लानिंग की है।

दस कॉलेजेस में लगेंगे बॉक्स

प्लानिंग की शुरुआत सिटी के दस इंटर कॉलेजेस से की जाएगी। इसके बाद धीरे-धीरे बाकी कॉलेजेस को भी इसमें शामिल किया जाएगा। अभी इन कॉलेजों का सेलेक्शन किया जा रहा है। ऑफिसर्स कहते हैं कि टाइम टु टाइम इन बॉक्स को खोला जाएगा और प्रॉब्लम के सॉल्यूशन के लिए कॉलेजेस में डॉक्टर्स की टीम को भेजा जाएगा। वह प्राइवेसी के साथ हर एक गर्ल की प्रॉब्लम का सॉल्यूशन बताएंगे। इस पूरी प्रॉसेस में गल्र्स की सीक्रेसी को बरकरार रखा जाएगा।

एक बार फ्लाप हो चुकी है योजना

ऐसा नहीं है कि यह इनीशिएटिव पहली बार लिया जा रहा है। वर्ष 2012 में भी हेल्थ डिपार्टमेंट ने कॉलेजेस में ड्रॉप बॉक्स लगवाए थे लेकिन किन्ही कारण से प्लानिंग ठप हो गई। इस बार ऑफिसर्स ने फैसला किया है कि इस इस प्लानिंग को संस्थाओं के जरिए चलाया जाएगा। इसके लिए संस्थाओं से कंटीन्यू बात भी चल रही है। अगले कुछ महीनों में ही कॉलेजेस का सेलेक्शन कर वहां बॉक्स लगा दिए जाएंगे। कॉलेजेस में भेजने के लिए स्पेशली फीमेल डॉक्टर्स की टीम को अप्वाइंट किया जाएगा।

लास्ट टाइम इस इम्पार्टेंट प्लानिंग को चलाने में प्रॉब्लम आ गई थी लेकिन इस बार इसे प्रॉपरली रन कराया जाएगा। इसके लिए कुछ संस्थाओं से बात की जा रही है। इससे कॉलेज गोइंग गल्र्स को काफी फायदे होंगे। उन्हें अपनी पर्सनल प्रॉब्लम्स शेयर करने के लिए बेहतर जरिया मिलेगा।

डॉ। आभा श्रीवास्तव, एडिशनल डायरेक्टर हेल्थ डिपार्टमेंट