-सिटी के मेडिकल स्टोर्स पर सीक्रेट नाम से बिक रहीं नशे की दवाइयां और इंजेक्शन
-कुछ खास शब्दों को बोलने पर ही इन दवाओं को देते हैं मेडिकल स्टोर संचालक
PRAYAGRAJ: 'पिन-ड्रॉप' यानी इतना सन्नाटा कि पिन गिरने की भी आवाज सुनी जा सके। यह तो हो गई किताबी भाषा। लेकिन आप अनुमान भी नहीं लगा सकते कि शहर में यह वर्ड किस संदर्भ में यूज हो रहा है। असल में सिटी में नशे की दवाई का कोडवर्ड 'पिन-ड्रॉप' रखा गया है। ऐसे ही कोडवर्ड्स के साथ तमाम मेडिकल स्टोर्स पर धड़ल्ले से नशे का कारोबार चल रहा है।
यह है नशीली दवाई व इंजेक्शन
गौरतलब है कि सिटी में नशे और इसके कारोबार दोनों का ट्रेंड तेजी से बदल चुका है। शराब, गांजा, हेरोइन से आगे बढ़कर अब तमाम लोग मेडिकल दवाओं का इस्तेमाल नशे के लिए करने लिए हैं। इनमें फोर्टविन और पेंटाजोसिन की लत तेजी से लोगों को लग चुकी है। इन खतरनाक मेडिसिन का यूज करके बिगड़ैल, बेरोजगार और डिप्रेस्ड युवा खुद को नशे में झोंकते हैं। गौरतलब है कि इस तरह के सभी इंजेक्शन और गोलियां नारकोटिक्स के दायरे में आती हैं। बिना डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के इन्हें बेचने पर रोक है। लेकिन शहर में नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम इसकी बिक्री की जा रही है।
यह है मेडिकल यूज
-फोर्टविन और पेंटाजोसिन का यूज पेशेंट्स को भीषण दर्द से राहत दिलाने के लिए किया जाता है।
-इसके अलावा ऑपरेशन के दौरान उन्हें सुलाने के लिए भी यह यूज होती है।
-नाइट्रोसिन नाम की गोली का यूज भी दर्द से छुटकारे के लिए होता है।
मेडिकल स्टोर पर है उपलब्ध
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की पड़ताल में यह बात सामने आई है कि यह नशे की दवाई व इंजेक्शन कुछ मेडिकल स्टोरों पर आसानी से अवेलेबल हैं। लेकिन यह हर किसी को नहीं दिया जाता। मेडिकल स्टोर पर कोडवर्ड बोलने वाले और पुराने लोगों को ही यह दिया जाता है। कोई नया व्यक्ति मांगता है तो साफ इंकार कर दिया जाता है। क्योंकि कई बार यह लोग पकड़े जा चुके हैं।
पॉइंटर
-फोर्टविन और पेंटाजोसिन की कीमत लगभग 5 रुपए है
-जबकि कारोबारी इसे 100 रुपए तक में बेच रहे हैं
-नशा माफिया पहले तो किशोरों और युवाओं को इसके लिए प्रेरित करते हैं
-एक बार आदत पड़ जाने के बाद व्यक्ति इसके बगैर नहीं रह सकता
-जब तक इंजेक्शन न मिले, उसकी बेचैनी बढ़ती जाती है
-वह इसके लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है
-इंजेक्शन हाथ में आते ही वह खुद इसे अपनी बॉडी में इंजेक्ट कर लेते हैं
-शाम होते ही नशे की दवाई व इंजेक्शन लेने का शुरु हो जाता है काम
-धूमनगंज में कई बार पकड़े जा चुके हैं मेडिकल स्टोर पर नशे सौदागर
इन एरियाज में होता है नशा
नीवां चौकी के पीछे
नेहरू पार्क समीप जंगल
प्रीतम नगर पानी टंकी
सदर बाजार मंदिर समीप
कैंट एरिया में एक सिगरेट शॉप पर
परेड ग्राउंड समीप तीन जगहों पर
नैनी पुल के नीचे
शिवकुटी कछार एरिया
महिला ग्राम समीप
पुलिस समय-समय पर नशे के खिलाफ अभियान चलाती रहती है। जो भी व्यक्ति इस कारोबार में संलिप्त पाया जाता है, उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाती है। इस साल कई मुकदमे आबकारी एक्ट के अंतर्गत दर्ज किए गए हैं। यदि कोई भी नशे के कारोबार में पकड़ा जाता है उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
-दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी प्रयागराज