प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में नदी के किनारे यानी मेला से सटे हुए इलाकों में दिनों रोड चौड़ीकरण का काम चल रहा है। दारागंज नागवासुकी से हनुमान मंदिर तक जाने वाली रोड की भी चौड़ाई बढ़ाई जा रही है। यह काम आगामी महाकुंभ की तैयारियों में शामिल है। इसको पूरा कराने के लिए जेसीबी लगाकर मिट्टी और पत्थर आदि का काम कराया जा रहा है। इससे उड़ रही धूल इस रोड किनारे बने घरों व दुकानों में रहने वाले लोग काफी परेशान हैं। जिम्मेदारों के जरिए यहां पर भी पानी का छिड़काव नहीं कराया जा रहा है। इससे सिर्फ दर्शन के लिए आने वाले भक्त ही नहीं स्थानीय लोगों में भी बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। यहां छात्र भी काफी संख्या में रहते हैं। रात के वक्त उन्हें पढ़ाई में काफी दिक्कत हो रही है।

02 किमी नागवासुकी से हनुमान मंदिर तक रोड होगी चौड़ी
1200 मीटर नागवासुकी से गंगा मंदिर तक है रोड की लंबाई
18 मीटर गंगा नदी की तरफ इस रोड की जाएगी चौड़ी, काम शुरू

नागवासुकी से संगम तक चौड़ीकरण
बताते हैं कि गंगा नदी किनारे स्थित ऐतिहासिक नागवासुकी मंदिर का भी सौंदर्यीकरण हो रहा है। आगामी महाकुंभ के पूर्व इस मंदिर से लेकर हनुमान मंदिर संगम तक करीब दो किमी से ज्यादा लंबी इस रोड का चौड़ीकरण किया जाना है। नागवासुकी से गंगा मंदिर तक नदी साइड में यह सड़क 18 मीटर चौड़ी की जाएगी। लगभग 1200 मीटर तक इसी रेसियों में इस रोड का चौड़ीकरण होगा। इसके आगे यानी गंगा मंदिर से लेकर हनुमान मंदिर होते हुए संगम तक कहीं बीस तो किसी जगह तीस और कहीं पर दस मीटर इस सड़क के चौड़ीकरण की बात कही जा रही है। यह सारे कार्य कुंभ के पहले पूर्ण किए जाने हैं। लिहाजा काम युद्ध स्तर पर दिन रात चल रहा है। इस काम की वजह से धूल काफी मात्रा में उड़ रही है। धूल की वजह से सड़क पर दोपहर के वक्त कोहरे जैंसा धुंध छाया हुआ था। ऐसी स्थिति में उड़ रही इस धूल को देखते हुए लोग सेहत को लेकर आशंकित हैं। कहना है कि यहां पर सुबह और शाम ही नहीं दोपहर के वक्त भी पानी का छिड़काव किया जाना चाहिए। नदी का किनारा होने के कारण दारागंज, कीडगंज व मम्फोर्डगंज के लोग भी तमाम लोग सुबह शाम टहलने के लिए जाते हैं। धूल के चलते यह सभी भी परेशान हैं।

नागवासुकी से लेकर हनुमान मंदिर तक गंगा नदी के किनारे वाली सड़क का चौड़ीकरण हो रहा है। दिन रात चल रहे काम की वजह से जो धूल उड़ रही है उससे स्थानीय लोग परेशान हैं। धूल पर वाटर स्प्रे किया जाना जरूरी है। रात में पढ़ाई के वक्त भी इस धूल हम छात्रों को दिक्कत होती है।
रोहन राय, दारागंज

दुकान का सारा सामान धूल से खराब हो जाता है। कितना भी ढक कर रखें धूल सामान तक पहुंच ही जाती है। अब हमें तो ठेले पर व्यापार करना है। मंदिर के पास भी तोडफ़ोड़ चल रही है। कारीडोर बना रहे हैं। उड़ रही धूल से केवल हम ही नहीं दर्शन के लिए आने वाले भक्त भी परेशान होते हैं।
दीपेंद्र कुमार, दारागंज

गंगा नदी का किनारा है। यहां वैसे भी रेत हल्की सी हवा में उड़ती रहती है। ऊपर से जो तोडफ़ोड़ चल रही है उससे दारागंज हनुमान मंदिर के आसपास काफी परेशानी होती है। यहां सुबह शाम टहलने के लिए जाने वाले भी काफी परेशान हैं। हम कीडगंज के लोग अक्सर वहां सुबह शाम टहलने के लिए जाते हैं। पानी का छिड़काव किया जाना जरूरी है।
विजय, कीडगंज

हम तो दर्शन के लिए आए थे धूल काफी है। इसलिए दुकान में बैठ गए हैं। हालात आप देख ही रहे हैं। धूल कितनी उड़ रही है। इस डस्ट से तो यहां दारागंज में खासकर नदी साइड रहने वाले लोग बीमार पड़ जाएंगे। पानी का छिड़काव किया जाना जरूरी है। यह कोई मुश्किल काम भी नहीं है। क्योंकि गंगा नदी के पानी का ही छिड़काव जिम्मेदार करा सकते हैं।
अरुण मिश्रा, जार्जटाउन