प्रयागराज ब्यूरो । हाईस्कूल के छात्रों की शैक्षिक जरूरतें क्या हैं। उनका व्यवहारिक ज्ञान कौशल कैसे बढ़ाया जा सकता है। छात्र कैसे खुद की तैयारी का आत्म अवलोकन कर सकते हैं? यह सब कुछ अब इलेक्ट्रानिक डिवाइस के माध्यम से छात्र के सामने उपलब्ध होगा। इस डिवाइस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसे डिजाइन किया है इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एजुकेशन डिपार्टमेंट के डॉ डीपी सिंह और उनकी टीम ने। इस पेटेंट भी करा लिया गया है। सोमवार को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पीआरओ जया कपूर ने खुद यह जानकारी मीडिया से शेयर की।

डाटा एनालिसिस को बनाया आधार
प्रो कपूर की तरफ से दी गयी सूचना के अनुसार डॉ सिंह और उनके नेतृत्व में काम करने वाली टीम ने वर्तमान परिस्थितियों को सामने रखते हुए पहले एनालिसिस किया। उनकी परफारमेंस का आंकलन किया और फिर काम शुरू किया। डिवाइस तैयार करके पेटेंट करा लेने के बाद इसके साफ्टवेयर को भी इसी लेवल का तैयार कराया जा रहा है जिससे यह छात्रों के लिए बेहद उपयोगी हो जाए। बताया गया कि यह इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण उपकरण विशेष रूप से हाई स्कूल स्तर के छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। इस उपकरण का विकास हाई स्कूल के छात्रों के बीच दक्षता बढ़ाने और व्यावहारिक वैज्ञानिक कौशल के अधिग्रहण को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से प्रेरित है। यह इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण उपकरण सीखने के प्रयोगों के लिए आत्म-अवलोकन दृष्टिकोण के माध्यम से छात्रों में प्रयोगात्मक कौशल के विकास की सुविधा प्रदान करता है।

एक्सपीरिएंस पर बेस्ड है वर्किंग
प्रो। कपूर की तरफ से उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार इस उपकरण का डिजाइन अनुभवात्मक शिक्षण दर्शन पर आधारित है। इलेक्ट्रॉनिक शिक्षण उपकरण के इस डिजाइन की बहुमुखी प्रतिभा उल्लेखनीय है, क्योंकि यह सामाजिक विज्ञान को शामिल करने के लिए प्राकृतिक विज्ञान के दायरे से परे अपने अनुप्रयोग का विस्तार करता है। यह अनुकूलन क्षमता बताती है कि इस उपकरण का उपयोग विभिन्न विषयों में किया जा सकता है, जो मनोविज्ञान के क्षेत्र में इसकी संभावित उपयोगिता को प्रदर्शित करता है। यह मनोविज्ञान के क्षेत्र में भी इसकी संभावित उपयोगिता को प्रदर्शित करेगा, जिसमें विभिन्न उपकरणों का विकास एक आम अभ्यास है। अगले चरण में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से साफ्टवेयर का विकास किया जा रहा है, विज्ञान और मनोविज्ञान के विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। डा। ङ्क्षसह ने बताया कि सितंबर में डिजाइन पेटेंट के लिए आवेदन किया गया था और 20 नवंबर को इसका पेटेंट प्रदान किया गया है।

यह उपकरण विशेष रूप से हाईस्कूल स्तर के छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है। यह छात्रों के बीच दक्षता बढ़ाने और व्यावहारिक वैज्ञानिक कौशल सीखने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकेगा। उपकरण का डिजाइन अनुभवात्मक शिक्षण दर्शन पर आधारित है और यह सीखने के प्रयोगों के लिए आत्म-अवलोकन ²ष्टिकोण के माध्यम से छात्रों में प्रयोगात्मक कौशल विकसित करेगा।
डॉ डीपी सिंह
शिक्षा विभाग, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी