प्रयागराज (ब्यूरो)। अभी तक जूनियर डॉक्टर्स केवल ओपीडी का बहिष्कार कर रहे थे लेकिन शुक्रवार से वह आईपीडी में भी काम नही करेंगे। मतलब वार्डों में भर्ती स्टेबल मरीजों के इलाज को भी अब बंद कर दिया जाएगा। स्टेप बाई स्टेप यह जूनियर डॉक्टर्स की देशव्यापी हड़ताल को मजबूत बनाने के लिए किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जब तक सरकार और न्यायालय हमारी मांगों की सुनवाई नही करेगा, हम ऐसे ही कार्य बहिष्कार करते रहेंगे।

इलाज से महरूम रहेंगे हजारों मरीज

ओपीडी का कामकाज जैसे तैसे चल रहा था। लेकिन अब वार्डों में जूनियर डॉक्टर्स का कामकाज बंद होने से निश्चित तौर पर दिक्कत होगी। यहां पर अब अंडर ग्रेजुएट स्टूडेंट्स की सेवाएं ली जा सकती हैं। एसआरएन अस्पताल के कई वार्डों में सैकड़ों मरीज भर्ती हैं और इनके इलाज में जेआर की अहम भूमिका होती है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि दिक्कतों को दूर करने की प्लानिंग की जा रही है।

इसलिए है जेआर की हड़ताल

जूनियर डॉक्टर्स की देशव्यापी हड़ताल का कारण नीट पीजी की काउंसिलिंग का टल जाना है। इससे अस्पतालों में काम कर रहे जूनियर डॉक्टर्स पर अतिरिक्त कार्य का बोझ बढ़ गया है और चाहते हैं कि नए बैच का एडमिशन जल्द कराया जाए। दूसरा कारण उनका सेशन लेट होना है। उनकी मांग है कि सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई कर पीजी नीट की काउंसिलिंग शुरू कराई जाए।

जूनियर डॉक्टर्स अपनी देशव्यापी हड़ताल पर हैं। उन्होंने ओपीडी के साथ आईपीडी में कार्य करने से मना किया है। हमारी ओर से मरीजों के पूर्ण इलाज की व्यवस्था की जा रही है।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज