प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आचार संहिता के लागू होते आम और खास सभी शनिवार को एक बाराबर हो गए। नगर निगम की गाडिय़ां में सीढ़ी व जेसीबी लेकर कर्मचारी रोड़ पर दौड़ पड़े। जहां भी राजनीतिज्ञों का पोस्टर बैनर दिखाई दिया वह रुक गए। बगैर सील व संकोच के वे उन बैनरों व पोस्टरों और होर्डिंग को नोच कर कूड़ा गाड़ी में भर लिए। इसके बाद उन्हें ले जाकर कूड़े की तरह डंपिंग प्वाइंट पर फेक आए। कार्रवाई में जुटे कर्मचारियों को जिस पार्टी का बैनर है या कौन नेता है इससे कोई मतलब नहीं था। बस उनकी आंखें रात के अंधेरे में बस शहर में जगह-जगह लगाए गए राजनीतिज्ञ व पार्टियों के बैनर को घूरती नजर आईं।

देर रात तक चलता रहा यह काम
होली का पर्व करीब है और माह-ए-रमजान चल रहा है। ऐसे में इन पर्वों पर राजनीतिज्ञ पर्वों की बधाई व शुभकामनाओं से सम्बंधित होर्डिंग तमाम स्थानों पर लगाई गई लगा रहे थे। शनिवार को चुनाव की घोषणा व आचार संहिता लागू होते ही पूरा प्रशासनिक अमला यू टर्न ले लिया। आचार संहिता लागू होते ही होर्डिंग व पोस्टर लगाने वाले तमाम पार्टियों के वीआईपी कहलाने वाले नेता भी आम व्यक्तियों के सरीखे हो गए। यह परिवर्तन होते ही अधिकारियों व कर्मचारियों की बांछे खिल गईं। आचार संहिता की गाइड लाइंस के अनुपालन में नगर निगम के कर्मचारी जेसीबी व सीढ़ी लेकर रोड पर चारों तरफ दौड़ पड़े। हर जोनल कार्यालय के लोग अपने-अपने क्षेत्रों में उन राजनीतिज्ञों की बड़ी-बड़ी होर्डिंग व बैनर उतार कर साथ में रही कचरे की गाड़ी में डाल दिए। उस गाड़ी से उतारी गई यह सारी होर्डिंग ले-जाकर वह कर्मचारी डंपिंग प्वाइंट पर फेक दिए। देर रात तक राजनीतिज्ञों व पार्टियों की होर्डिंग व बैनर उतारने के काम में नगर निगम कर्मी जुटे रहे।

सोशल मीडिया पर भी गड़ी नजर
आदर्श आचार संहिता लागू होते ही एक्टिव हुए प्रशासनिक अमले की नजर सोशल मीडिया पर भी है। नेताओं व राजनीतिज्ञ पार्टियों से सम्बंधित या भड़काऊ किसी भी तरह के पोस्ट लगाने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि हर पोस्ट के इफेक्ट व उसके एंगल और कंटेंट पर भी टीमें गौर करना शुरू कर दी हैं। इस काम के लिए पुलिस और प्रशासनिक विभाग के एक्सपर्ट लगाए गए हैं। लगाए गए पोस्ट से आचार संहिता का जहां भी उल्लंघन मिला, उस पोस्ट को लगाने वाले शख्स के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई तय है।