प्रयागराज (ब्यूरो)। सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में तैनात वरिष्ठ सहायक नरेंद्र यादव को बुधवार शाम पुलिस थाने उठा ले गई थी। इसकी सूचना गुरुवार सुबह उत्तर प्रदेशीय कलेक्ट्रेट संघ प्रयागराज के अध्यक्ष अजय शंकर श्रीवास्तव, संरक्षक गजनफर उल्ला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राकेश संत, मंत्री महेंद्र पांडेय और मंत्री शैलेंद्र कुमार पटेल, राकेश कुमार श्रीवास्तव ने डीएम को दी। इस पर डीएम ने एसएसपी से वार्ता करने का आश्वासन दिया। इस बीच कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अजय शंकर श्रीवास्तव ने कहा डीएम ने उन्हें अकेले धमकी दी है। उन्होंने अकेले में कहा कि राजनीति कर रहे हो, तुम्हारा तहसील में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

फूटा कर्मचारियों का गुस्सा

इसकी जानकारी होते कलेक्ट्रेट कर्मचारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और वह डीएम कैंप कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। कर्मचारियों ने डीएम से कहा कि बिना अनुमति कैसे पुलिस ने कर्मचारी को थाने पर बैठा रखा है। उन्होंने डीएम से बारे में कई सवाल किए। उचित जवाब नहीं मिलने पर कर्मचारी धरने पर बैठे रहे। शाम चार बजे पुलिस को मजबूरन कर्मचारी नरेंद्र यादव को छोडऩा पड़ा। इस पर कर्मचारियों ने नरेंद्र को थाने ले जाने वाले पुलिस अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की है।

समझौता नही होता तो बढ़ जाती बात

इस बीच कर्मचारियों ने डीएम पर ट्रांसफर की धमकी देने का आरोप लगाते हुए कर्मचारी हित में उनके ट्रांसफर किए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे कर्मचारियों का काम करना कठिन होगा और उनका उत्पीडऩ शुरू हो जाएगा, इसको लेकर तीन दिसंबर को कमिश्नर संजय गोयल को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा जाएगा। हालांकि इस बीच शाम को दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया और कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली।

नही हुई मीटिंग, वापस लौटी पब्लिक

दोपहर बारह बजे से ही कर्मचारी कामकाज छोड़कर नरेंद्र को छोड़े जाने की मांग कर रहे थे और इसके बाद वह हड़ताल पर चले गए। इसके बाद कलेक्ट्रेट समेत सभी तहसीलों का कामकाज ठप हो गया। राजनीतिक दलों के साथ डीएम की बैठक नही हो सकी। चुनाव कार्यालय में कामकाज नही हुआ। तहसीलों में आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र समेत अन्य कार्य बंद हो गए। हर तरफ सन्नाटा पसरा रहा। एसडीएम की बैठक भी स्थगित हो गई। सबसे ज्यादा दिक्कत पब्लिक को हुई। दूर दराज से आए लोग हंगामा देखकर अपने घर को लौट गए।