ठेले और पटरी वालों के साथ कई दुकानदार भी रोड पर किए हैं कब्जा

- सामान लेने के लिए कस्टमर्स भी आने से कतराते हैं यहां

- दुकान के बाहर तक फैला रहता है सामान, आने-जाने को नहीं मिलता रास्ता

prayagraj@inext.co.in

PRAYAGRAJ:

सिटी का सबसे पुराना और व्यापार का हब माने जाना वाला चौक एरिया अतिक्रमण के जंजाल में फंसा हुआ है। अतिक्रमण के चलते यहां कस्टमर्स सामान लेने के लिए आने से कतरा रहे

क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए कस्टमर को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। छोटे से काम के लिए घंटों लगने वाला समय कस्टमर को बिजनेस के हब से दूर रहने पर मजबूर कर देते हैं। हालत ऐसी है कि जहां कई दुकानदार पटरी पर कब्जा करके वहां तक अपने सामान फैला कर रखते हैं। वहीं रोड पर ठेले और जमीन पर ही सामान रखकर बचने वालों के कारण रोड पर चलने की जगह तक नहीं मिलती है। जिसके कारण व्यापार के लिए सबसे अहम समझा जाने वाला चौक घंटाघर की रोड अब सीमित कस्टमर्स के लिए ही सिमट चुका है।

टूव्हीलर से भी जाना किसी चुनौती से कम नहीं

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के अभियान हमारी सड़क खाली करो के दौरान चौक से घंटाघर तक जाने वाली रोड का नजारा कुछ ऐसा ही दिखा। मंगलवार को रिपोर्टर ने एरिया में जाकर दुकानदारों के समस्याओं को समझने की कोशिश की। ऐसे में रिपोर्टर को ही वहां पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। चौक से घंटाघर तक जाने वाली रोड का आलम ऐसा रहा कि वहां पर टूव्हीलर से जाना भी किसी चुनौती से कम नहीं। ऐसे में रिपोर्टर को भी पूरे एरिया में पैदल जाकर दुकानदारों से बात करनी पड़ी। इस दौरान दुकानदारों ने खुद माना कि बड़ी संख्या में ऐसे दुकानदार हैं, जो अपनी दुकान के बाहर पटरी तक अपने सामान रखकर उसे कब्जा किए रहते हैं। इसके बाद रोड की बची हुई जगहों पर ठेला और खुमचे वाले कब्जा कर अपना सामान बेचते हैं। इसके चलते यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में कस्टमर्स चाहते हुए भी चौक का रुख करने से बचते हैं।

दुकानों को खोजना यानी भूल भुलैया में घूमना

व्यापारियों ने बताया कि अतिक्रमण के कारण यहां किसी दुकान को खोजना और उस तक पहुंचना किसी भूल भूलैया में गुम होने जैसा होकर रह गया है। कई बार कस्टमर दुकान खोजते हुए अपनी मनचाही दुकान से आगे बढ़ जाता है। ऐसे में जब दुकान की जानकारी होती है, तो वहां वापस लौटकर जाने की हिम्मत नहीं कर पाता है। इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार दुकानदार ही है। क्योकि ठेले और खुमचे लगने से बचाने के लिए ज्यादातर दुकानदार पटरी तक अपनी दुकानों को बढ़ा लेते हैं। लेकिन जब साल दो साल में अतिक्रमण अभियान शुरू होता है, तो उसे अंदर कर लेते हैं। लेकिन दुकानदारों के आगे बढ़ाने से समस्या बढ़ जाती है।

पार्किंग की नहीं है कोई व्यवस्था

चौक के व्यापारियों ने बताया कि यहां पार्किंग के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। रोड पर ही कस्टमर्स अपने वाहन लगा देते हैं। जिससे कई बार दूसरे दुकानदार तक उनके कस्टमर नहीं पहुंच पाते है। कई बार इसके लिए प्रशासन से बात की गई, लेकिन आज तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं हो सकी। रोड पटरी पर लगने वाले दुकानों को हटाने या उनको लगने से रोकने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं हो सकी। जिसके कारण चौक जैसे एरिया का व्यापार लगातार कम होता जा रहा है। हालत ये हो गई है कि कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन के बाद जब से मार्केट खुली है। तब से व्यापारी अपना खर्च मुश्किल से निकाल रहे हैं।

ई- रिक्शा ने भी बढ़ा दी मुसीबत

चौक में फोर व्हीलर को प्रतिबंधित कर दिया गया है। ऐसे में उम्मीद थी कि स्थिति सुधरेगी। लेकिन ई-रिक्शा के कारण लगातार मुसीबत बनी हुई है। ई- रिक्शा चालक दुकान के सामने रोड पर अपने वाहन खड़ी कर देते हैं। जिससे कस्टमर को दुकान तक पहुंचने में दिक्कत होती है। हालत ये हो गई है कि बड़े से बड़े प्रतिष्ठान की कमाई आधी हो गई है। जबकि चौक एक ऐसा एरिया है, जहां पर हर तरह का सामना और चीजें आसानी से कम से कम कीमत पर लोगों के लिए उपलब्ध है। उसके बाद भी कस्टमर दूसरे एरिया में जाकर वहां पर सामान खरीदने को मजबूर हैं, क्योकि चौक से घंटा घर के एरिया में जाने के लिए समय और संघर्ष दोनों की जरूरत होती है। आज के समय में लोग आसानी से अपनी जरूरत का सामान लेने को अहमियत देते हैं।

- ठेले वाले रोड पर लगा लेते हैं। ऐसे में दुकान तक आने वाले कस्टमर के पास वाहन खड़ा करने की जगह नहीं होती है और जाम की स्थिति हमेशा बनी रहती है। जिससे बिजनेस सीधा प्रभावित होता है। चौक के लिए जरूरी है कि अतिक्रमण पर हमेशा के लिए रोक लगे और पार्किंग की व्यवस्था हो।

- अकरम शगुन

कपड़ा व्यापारी

- चौक में वन-वे की व्यवस्था नहीं है। इसके साथ ही रोड पर लगने वाले ठेलों को रोकने पर भी वह नहीं सुनते हैं। अतिक्रमण के कारण आज के समय मे दुकान की सेल आधी हो गई है। दुकान का खर्च निकालना ही सबसे बड़ी मुसीबत है। ऐसे में बिजनेस का हाल किसी से क्या बताए। कई बार कस्टमर जाम की बात कहकर चौक आने से कतराता है।

मुसाब खान

रेडीमेड कपड़ा व्यापारी

- चौक में पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से सबसे अधिक नुकसान होता है। रोड पर लगने वाली दुकानें और रोड पर ही खड़े होने वाले वाहन के कारण हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। कस्टमर चौक आने से बचता है, क्योकि उसे लगता है कि चौक जाने का मतलब है कि घंटों का समय खराब होना। ऐसे में बिजनेस धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है।

- सुहैल अहमद

शूज शाप ओनर

- कई दुकानदार अपनी दुकानों को आगे बढ़ाकर अतिक्रमण करते हैं। इसके पीछे कारण है कि ठेले आदि को लगने से बचाया जा सके। लेकिन ऐसा हो नहीं पाता है। ठेले वाले रोड पर लगा लेते है। जरूरी है कि रोड से अतिक्रमण हटाने के साथ ही सभी दुकानदारों को भी हिदायत दी जाए कि दुकान के बाहर स्थित नाली की सीमा को क्रास ना करे। ऐसा करने से काफी सुधार होगा।

- प्रवीण अग्रवाल

अग्रवाल हैंडलूम हाउस

- चौक से घंटाघर की पूरी रोड हमेशा जाम रहती है। कई बार कस्टमर को अपनी बाइक या टू व्हीलर खड़ी करने की जगह नहीं मिलती है। अपने वाहन को खड़ा करने की जगह देखते -देखते वो आगे चले जाते हैं। फिर लौटकर नहीं आते। इसके चलते बिक्री सीधे खराब होती है। चौक से घंटाघर तक सैकड़ों दुकानदार जाम की समस्या से परेशान हैं।

- संजय, होजरी विक्रेता