प्रयागराज ब्यूरो । एशिया के सबसे बड़े उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं के संगठन हाईकोर्ट बार एसोसिएशन इलाहाबाद के चुनाव का खर्चा इस बार अचरज में डालने की वजह बना है। दावा है कि बार का चुनाव, लोकसभा और विधानसभा चुनाव से महंगा होगा। चुनाव कमेटी ने इस साल 35 से 40 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल के मुकाबले प्रत्याशियों से ली जाने वाली जमानत राशि भी दोगुनी कर दी गई है। इसे लेकर अधिवक्ताओं का विरोध जारी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि शनिवार को कार्यकारिणी की आवश्यक बैठक होगी, इसमें जरूरी निर्णय लिया जाएगा। उम्मीदवारों से मांगी गई दो साल के केसों की संख्या के बारे में भी विचार होगा क्योंकि, बाईलॉज एक दिसंबर 2022 से लागू हुआ है।

क्या है जमानत राशि
लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी से जमानत राशि के रूप में 25 हजार रुपये लिया जाता है।
बार एसो। अध्यक्ष पद के लिए जमानत की राशि एक लाख रुपये है।
यह लोकसभा के प्रत्याशी से चार गुना अधिक और विधानसभा में प्रत्याशी की जमानत राशि के मुकाबले 10 गुना अधिक है।
महासचिव पद के लिए लोकसभा प्रत्याशी से तीन गुना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष का दोगुना, उपाध्यक्ष का तकरीबन पौने दोगुना जमानत राशि ली जा रही है।
गवर्निंग काउंसिल पद के प्रत्याशी की जमानत राशि विधानसभा चुनाव में उतरने वाले प्रत्याशी के बराबर है।

पूर्व में आधी की गई थी जमानत राशि
राधाकांत ओझा जब बार के अध्यक्ष थे तब जमानत राशि एक साल पहले ली गई जमानत राशि से आधी कर दी गई थी। अध्यक्ष पद के लिए जमानत राशि 50 हजार रुपये ली गई थी। इसी तरह बाकी पदों के लिए कम राशि ली गई थी। अधिवक्ताओं का आरोप है कि इस बार जमानत राशि तय करने में मनमानी की गई। मृत्यंजय तिवारी, पारिजात तिवारी, प्रखर श्रीवास्तव सहित तमाम अधिवक्ताओं का कहना है कि जमानत राशि आम राय से तय करना था।

आश्वासन देने के बावजूद कुछ नहीं
जमानत राशि तथा दो साल के केसों की संख्या के बारे में अधिवक्ताओं ने कार्यकारिणी, एल्डर कमेटी और चुनाव कमेटी के सामने आपत्ति दर्ज कराई लेकिन कमेटी ने उसे नहीं माना। गुरुवार को अधिवक्ता सोम नारायण अनशन पर भी बैठे। उनका कहना है कि रात साढ़े आठ बजे चुनाव कमेटी के दो पदाधिकारी ने जमानत राशि कम करने का आश्वासन दिया था लेकिन शुक्रवार को चुनाव कमेटी की बैठक हुई तो वह अपने वायदे से पलट गई। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह कहते हैं कि जमानत राशि और केसों की संख्या को लेकर बड़ी संख्या में बार सदस्यों की आपत्ति मिली है। इसलिए मैंने शनिवार को आवश्यक बैठक बुलाई है। इसमें चुनावी खर्चों का आकलन कर बार सदस्यों के हित में निर्णय लिया जाएगा।