पहली बार पॉलीथिन बैन के आदेश को प्रदेश में नहीं लिया गया था गंभीरता से
इस बार सरकार ने पॉलीथिन बैन के आदेश के साथ ही इसपर सख्ती से कार्रवाई का निर्देश दिया है
ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित पॉलीथिन पर बैन का आदेश पहली बार लागू नहीं हुआ है। 2016 में भी प्रतिबंध की कार्रवाई हुई थी, नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन को प्रतिबंधित पॉलीथिन की बिक्री पर रोक की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन इलाहाबाद में अभियान रफ्तार नहीं पकड़ सका। डेढ़ वर्ष में केवल 40 कुंतल ही प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त किया गया। जबकि नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की मानें तो शहर में प्रति दिन निकलने वाले 600 मीट्रिक टन कचरे का करीब दस प्रतिशत हिस्सा पॉलीथिन के रूप में निकलता है, जिसे निस्तारित किया जाता है।
अभियान में नहीं दिखाई गंभीरता
जहां पर डे करीब 60 मीट्रिक टन प्रतिबंधित पॉलीथिन कचरा के रूप में निकलता है, वहां डेढ़ साल में 40 कुंतल प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त किया जाना अभियान में लगे अधिकारियों की गंभीरता को दर्शाता है। अब एक बार फिर पॉलीथिन पर प्रतिबंध का आदेश जारी हुआ है। प्रदेश सरकार इसका सख्ती से पालन कराने का दावा भी किया जा रहा है। अब देखना है कि सरकार का ये दावा कितना सफल साबित होता है।
छापेमारी में दस लाख की वसूली
दो वर्ष में डूडा और नगर निगम की टीम ने करीब 300 दुकानों पर छापेमारी की। इसमें करीब दस लाख रुपया जुर्माना के रूप में वसूला गया। इसे नगर निगम के खाते में जमा कराया गया।
दुकानें तो बहुत, फैक्ट्री एक भी नहीं
शहर में प्रतिदिन बड़े पैमाने पर पॉलीथिन की खपत होती है। थोक व फुटकर मिलाकर पॉलीथिन की सैकड़ों दुकानें भी हैं। लेकिन पॉलीथिन बनाने वाली एक भी फैक्ट्री यहां नहीं है। जो भी प्लास्टिक यहां बिकता है, वह कानपुर, दिल्ली और अन्य महानगरों से आता है।
दुकानों पर छापेमारी कर प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त करना आसान नहीं है। भारी विरोध होता है। जब भी कोई सूचना मिली, छापेमारी कर कार्रवाई की गई। इस बार अभियान को और तेज किया जाएगा।
राजकुमार द्विवेदी
शहरी विकास अधिकारी
डूडा
80 किलोग्राम प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त
शहर में निकली नगर निगम और एडमिनिस्ट्रेशन की टीम
ALLAHABAD: पंद्रह जुलाई से पूरे प्रदेश में प्रतिबंधित पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगने के बाद एक बार फिर नगर निगम और एडमिनिस्ट्रेशन की टीम एक्टिव हो गई है। पॉलीथिन की बिक्री पर रोक लगाने के लिए रविवार को अवकाश के दिन भी छापेमारी अभियान चलाया गया। इसमें 80 किलोग्राम पॉलीथिन जब्त किया गया।
पुराने शहर से शुरू हुई कार्रवाई
नगर निगम और एडमिनिस्ट्रेशन की संयुक्त टीम सबसे पहले पुराने शहर पहुंची। अवकाश का दिन होने के बाद भी बहादुरगंज में पॉलीथिन की कुछ दुकानें खुली थीं। वहां छापेमारी कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित पॉलीथिन यानी 50 माइक्रॉन से कम वाले 30 किलोग्राम पॉलीथिन जब्त किए गए। बहादुरगंज होते हुए टीम कीडगंज पहुंची तो यहां भी एक दुकान खुली मिली। जांच के बाद 13 किलोग्राम प्रतिबंधित पॉलीथिन जब्त की गई। कैंट एरिया में भी अभियान चलाकर कई दुकानों से 35 किलोग्राम प्रतिबंधित पॉलीथिन बरामद किया गया।
अभी तो ये शुरुआत है। पॉलीथिन के छोटे दुकानदार और थोक विक्रेता यदि सजग नहीं हुए तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनाउंसमेंट कराकर लोगों को अवेयर किया जाएगा कि वे प्रतिबंधित पॉलीथिन का इस्तेमाल न करें।
रितु सुहास
अपर नगर आयुक्त, नगर निगम
60
मीट्रिक टन पॉलीथिन पर डे कचरे के ढेर में जाता है
300
दुकानों पर छापेमारी कर डेढ़ साल में जब्त की गई पॉलीथिन
10
लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला गया कार्रवाई के दौरान
2016
में प्रतिबंध के लिए पहली बार की गई थी सरकार की ओर से घोषणा
600
मीट्रिक टन कचरा पर डे शहर में निकलता है
10
प्रतिशत पॉलीथिन होता है पर डे निकलने वाले कचरा में