प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आजकल की भागदौड़ और स्ट्रेस भरी जिंदगी में मोबाइल और कम्प्यूटर का इस्तेमाल काफी अधिक हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके अधिक यूज से आंखों का सूखापन बढ़ता है। जो कि आगे चलकर रिस्क फैक्टर को बढ़ा सकता है। इसका समय पर इलाज जरूरी है। इसे मीबोमियन ग्लैंड डिसफंक्शन कहा जाता है। यह बात रीवा मेडिकल कॉलेज से आए डॉ। पंकज चौधरी ने कही। वह शनिवार को एमएलएन मेडिकल कॉलेज में आयोजित यूपी स्टेट ऑफ्थैल्मोलॉजिस्ट सोसाइटी के 57वीं कांफ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचाने की कई विधियां हैं बशर्ते लोग समय रहते जागरुक हो जाएं।

दो कार्निया से आठ आंखों को मिलती है रोशनी
कांफ्रेंस में मेरठ मेडिकल कॉलेज से आए प्रो। संदीप मित्तल ने कहा कि एक कार्निया से चार लोगों को रोशनी मिल सकती है। क्योंकि एक कार्निया में चार लेयर होती है। इसी तरह दो कार्निया से आठ आंखों को रौशनी दी जा सकती है। जिस व्यक्ति की आंख को जिस लेयर की जरूरत हो उसे ट्रांसप्लांट के जरिए लगाया जा सकता है, इसलिए नेत्रदान जरूर करना चाहिए। इसके पहले कांफ्रेंस के दूसरे दिन शुभारंभ मुख्य अतिथि चीफ जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता, विशिष्ट अतिथि जस्टिस संजय कुमार सिंह व जस्टिस मंजूद रानी चौहान ने किया। चीफ गेस्ट ने कहा कि इस तरह के आयोजन बराबर होने चाहिए। आज आंख का इलाज कई नई पद्धतियों से हो रहा है। डॉक्टर को मरीज का इलाज जिम्मेदारी से करना चाहिए।

किसने क्या कहा
दिल्ली से आए डा। डीजे पांडये ने बताया कि नई तकनीक कार्निया को 72 घंटे तक सुरक्षित रखा जा सकता है। डॉ। आरकेएस चौहान ने कहा कि मोतियाबिंद वाली आंखों में चोट लगने पर लिड रिपेयरिंग के जरिए लेंस को बैठाया जाता है। दिल्ली से आए डॉ। वीपी गुप्ता ने कह ाकि अगर किसी की आंखों में ट्यूमर हो जाता है, तो उसकी सर्जरी समय रहते करना जरूरी है। कांफ्रेंंंस में पूरे देश से आए करीब 300 जाने माने सर्जनों ने अपने शोध प्रस्तुत किए। इस अवसर पर एआईओएस के अध्यक्ष डॉ। हरवंश लाल, महासचिव डॉ। संतोष होनावर, साइंटिफिक कमेटी के अध्यक्ष डॉ। नम्रता शर्मा एवं सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ। धर्मेंद्र नाथ, महासचिव डॉ। मोहिता शर्मा, एमएलएन के प्राचार्य डॉ। एसपी सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ। अनूप चौधरी व डॉ। जितेंद्र सिंह मौजूद रहे। इस दौरान क्विज कांटेस्ट का भी आयोजन किया गया। जिसमें पूरे देश से 70 मेडिकल के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। इस कांटेस्ट के विजेता को सोसाइटी द्वारा 50 हजार, द्वितीय स्थान पर आने वाले को 10 हजार व तृतीय को सात हजार रूपए दिया गया। कार्यक्रम के दौरान एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से लोगों को एक दूसर के अनुभवों का लाभ मिलता है।