प्रयागराज (ब्यूरो)। प्रयागराज साइबर थाने की पुलिस के हत्थे चढ़े बिहार के रहने वाले साइबर क्रिमिनल रत्नेश और विनय कुमार ने अपने महंगे लाइफ स्टाइल के बारे में बताया। वह चौकाने वाला था। कोरोना कॉल के समय से अब तक सैंकड़ों लोगों को ठगी का शिकार बनाकर करोड़ों रुपये कमा चुके हैं। ठगी के पैसे से न सिर्फ अय्याशी, मौज और मस्ती की। बल्कि करोड़ों रुपये की लागत से पटना जिले के मैन शहर में घर व फ्लैट तक बनवा डाला। जब पुलिस टीम पकड़े बिहार गई तो बाहर से आलीशान फ्लैट व घर देखकर दंग रह गए। पहले पुलिस को लगा कि यह लोग किराए पर रहते होंगे। पूछताछ में सामने आया कि पकड़ा गया रत्नेश व उसका भाई दुर्गेश द्वारा ठगी के पैसों से बनाया गया है। फिलहाल रत्नेश का भाई दुर्गेश पुलिस की गिरफ्त से दूर है। वहीं पकड़े गए विनय कुमार का मोबाइल चेक किया तो अंडमान निकोबार व थाईलैंड से लेकर अन्य देशों के घूमने की तस्वीर सामने आई। स्टाइलिश घड़ी, बैग, चश्मा, ब्रेसलेट व अन्य महंगे सामान नजर आए। जिनको विनय द्वारा खरीदा गया था। पुलिस के सामने पढ़े-लिखे युवकों ने बताया कि यह रास्ता बहुत गलत चुन लिया था। अब समझ में आ रहा है।

हर फील्ड में है कंपटीशन
क्रिमिनल शातिरों ने बताया कि यह खेल उन्होंने कोरोना काल में सीखा। इस साइबर फ्रॉड करने में भी बड़ा कंपटीशन है। लोगों को लालच दूसरे फ्रॉड करने वाले गैंग के ऑफर को देखकर करना पड़ता है। क्योंकि कई बार वेबसाइट बनाने के बाद कई बार एक भी कस्टमर नहीं आते हैं। इसलिए ऑफर भी दूसरे गैंग की तुलना में अच्छा रखना होता है। ताकि लोग झांसे में आ सके।

पकड़े गए शातिरों के काफी महंगे शौक है। लग्जरी लाइफ स्टाइल व मंहगे शौक ने इन्हें अंधा बना दिया। गुनाह का रास्ता थोड़ी देर के लिए अच्छा जरूर लगता है। लेकिन कुछ समय बाद पूरा जीवन बर्बाद कर देता है।
राजीव तिवारी
इंस्पेक्टर साइबर थाना प्रभारी प्रयागराज