प्रयागराज (ब्यूरो)। गौरतलब है कि फेस्टिवल के बाद छठ का पर्व भी है। वहीं, सरकार की ओर से दस साल से अधिक पुरानी बसों का संचालन बंद कर दिया गया है। साथ ही नई बसें नहीं आने से समस्या और बढ़ गई है। जो बसें है उनमें कई बसें टायर और अन्य पाट्र्स न होने से दो दर्जन से अधिक बसें चलने की स्थिति में नहीं है। वर्कशॉप में काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो अगर समय से डिमांड किये गए पाट्र्स मिल जाये तो कई बसे सड़कों पर उतारी जा सकती है।

दूरी वाले रूट पर फेरे बढ़ाना मुश्किल
एआरएम सीबी राम वर्मा ने बताया कि बसों की कम संख्या की भरपाई फेरे बढ़ा कर दूर किया जाएगा। जो बसें दिन में तीन फेरे लगाती है। वह चार फेरे लगाएंगी। पर सवाल यह उठ रहा कि दो ढाई सौ किलोमीटर की दूरी तक के जिलों के लिए तो बसों की फेरे बढ़ाए जा सकते है। लेकिन दिल्ली, फर्रुखाबाद, हल्द्वानी, सनौली जैसे दूर के लिए बसों की व्यवस्था कैसे की जाएगी।

छुट््िटयां होगी खत्म
हर वर्ष जिन जगहों के लिए यात्री की भीड़ अधिक होती थी। वहां के लिउ अतिरिक्त बसें चलाई जाती थी। इस बार सामान्य स्थितियों में बसों की कमी बनी हुई है। ऐसे में त्योहार के सीजन में बसों की व्यवस्था न होने से यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। वहीं 28 से स्टाफ की छुट्टियां लेने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा ताकि बसों के संचालन में स्टाफ की कमी न होने पाए।

180
फेरे लगाएंगी बसें दीपावली के मद्देनजर

612
रह गई है रोडवेज के बेड़े में बसों की संख्या

24
घंटे के अंतराल में बसें डेढ सौ से अधिक फेरे अतिरिक्त लगाएंगी

10
साल से अधिक पुरानी बसों का संचालन बंद होने से मुश्किल