प्रयागराज ब्यूरो । वायरल फीवर से केवल बुखार नही हो रहा है बल्कि पूरा शरीर इसकी चपेट में आ रहा है। सिर दर्द, गले में कफ और गडऩ, खांसी, छीक, पैर और हाथों में तेज दर्द के साथ थकान और कमजोरी भी लोगों को परेशान कर रही है। कुछ मामलों में प्लेटलेट की संख्या भी कम हो रही है। इसकी वजह से लोगों को डेंगू की जांच भी कराना पड़ रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस बार वायरल फीवर के लक्षणों में बदलाव हुआ है। इससे लोग अधिक भ्रमित हो रहे हैं।

क्यों अधिक ताकतवर हुआ है वायरस

एक्सपट्र्स का कहना है कि इस बार बारिश काफी कम हुई है। इसकी वजह से उमस अधिक पड़ रही है। सितंबर के महीने में तापमान 35 डिग्री से अधिक है। ऐसे में वायरस अधिक ताकतवर हो गया है और तेजी से संक्रमित हो रहा है। लक्षणों में बदलाव भी इसी वजह से हो रहा है। तापमान कम होने पर ही वायरस से राहत मिल सकेगी। पिछले वर्ष वायरल फीवर की मियाद तीन से पांच दिन थी जो इस बार बढ़कर 5 से 7 दिन हो गई है।

डेंगू में है गनीमत, मिला है दसवां स्थान

इस साल अभी तक डेंगू पिछड़ा हुआ है। प्रदेश में डेंगू केसेज को लेकर प्रयागराज फिलहाल दसवें स्थान पर है। देखा जाए तो सितंबर के महीने में ही डेंगू रफ्तार पकड़ता है। 2021 में 310 और 2022 में इसी महीने में 162 डेंगू के मामले सामने आए थे। इस साल अभी तक डेंगू के कुल 33 मामले सामने आए हं जो कि काफी कम है। हालांकि इसकी कमी भी वायरल फीवर पूरी कर रहा है। संक्रमण के चलते लोगों को 102-103 डिग्री बुखार का सामना करना पड़ रहा है। जिसके चलते उनको अचानक से अस्प्ताल में भर्ती भी कराना पड़ रहा है।

तीन दिन बाद जांच कराने की सलाह

वायरल फीवर के लक्षणों को देखकर डॉक्टर्स भी मरीजों को कड़ी सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि तीन दिन से अधिक बुखार रहे तो डेंगू की जरूर जांच कराएं। हालांकि जांच के बाद डेंगू की पुष्टि नही हो रही है। इससे मरीज अधिक परेशान हो रहे हैं। कुछ मरीजों की शिकायत है कि एक सप्ताह तक बुखार ने उन्हें परेशान किया है। जबकि जांच में किसी अन्य बीमारी की पुष्टि नही हुई है। कुछ मरीजों की शिकायत प्लेटलेट्स कम हो जाने की रही है। इनमें भी डेंगू की पुष्टि नही हुई है।

मरीजों की शिकायत उचित है। इस बार वायरल फीवर अधिक परेशान कर रहा है। लोगों को ठीक होने में एक सप्ताह का समय लग रहा है। लक्षणों से लोग परेशान हैं। बहुत से लोगों को डायरिया हो रहा है। इससे उल्टी-लैट्रिन की शिकायत होने लगी है।

डॉ। दीपक शुक्ला, फिजीशियन

मरीजों की संख्या काफी अधिक है। वायरल फीवर के मरीजों की बढ़ती संख्या के चलते ओपीडी में भीड़ लगी हुई है। यह इतना संक्रामक है कि बचने के लिए लोगों को मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है।

डॉ। एमके अखौरी, अधीक्षक, बेली अस्पताल