-नीवां चौकी क्षेत्र स्थित रमन का पूरा पार्क में नशे की मंडी का आंखों देखा हाल

-पेश है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया कड़वा सच

<-नीवां चौकी क्षेत्र स्थित रमन का पूरा पार्क में नशे की मंडी का आंखों देखा हाल

-पेश है दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में सामने आया कड़वा सच

mukesh.chaturvedi@inext.co.in/vinay.ksingh@inext.co.in

PRAYAGRAJ: mukesh.chaturvedi@inext.co.in/vinay.ksingh@inext.co.in

PRAYAGRAJ: बाल बिखरे हुए हैं। हाथ में सिरिंज पकड़े हुए हैं। बेचैनी से अपने हाथ की नसें टटोल रहे हैं। मानसिक हालत ऐसी कि न अपना कुछ ख्याल न दूसरों की मौजूदगी का एहसास। यह किसी फिल्म का सीन नहीं। यह नजारा दिखा नीवां चौकी क्षेत्र के रमन का पूरा पार्क में। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम जब यहां रियलिटी चेक करने पहुंची तो हर कदम पर चौंकाने वाले हालात मिले। नशेडि़यों ने दावा किया, ऊपर तक पैसा पहुंचाना पड़ता है। पुलिस का वरदहस्त होने की बात भी कही। पढि़ए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट टीम की आंखों देखी

इस तरह मंडी में दाखिल हुए रिपोर्टर

-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर को कॉल कर एक शख्स ने रमन का पूरा में खुलेआम नशा होने की जानकारी दी

-कॉल करने वाला शख्स अपना नाम व मोबाइल नंबर किसी से न बताने की रिक्वेस्ट की।

-उसके दावे की हकीकत परखने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट की टीम रमन का पूरा जा पहुंची।

-स्पॉट पर पहुंचने के बाद रिपोर्टर ने पार्क और नशे के अड्डे को ट्रेस किया।

-तभी उस तरफ से पसीने से तर-ब-तर एक युवक झूमता हुआ उधर से आता दिखा।

-उसकी हालत देख समझने में देर नहीं लगी कि वह नशेड़ी है।

ख्भ्0 रुपए लगेंगे

-उसे रोककर रिपोर्टर्स ने बात करनी शुरू की तो पहले तो वह कतराता रहा।

उसे रोक कर बात शुरू की गई, पहले तो वह कतराया फिर जब रिपोर्टर ने कहा कि तलब लगी है यार, दिलवा दो तो वह खुल गया।

-सामने खड़े युवक की तरफ इशारा करते हुए बोला, मैं तो नहीं पर वे दिला देगा।

-रिपोर्टर ने उस युवक से संपर्क किया। यह सारी बातें अब तक सड़क पर ही हो रही थीं।

-युवक ने कहा, ख्भ्0 रुपये लगेंगे। लेकिन मैं नशा करके आऊंगा तब लाकर दूंगा यहीं इंतजार करो।

-यह कहते हुए वह रोड के दाहिनी ओर स्थित खंडहर से होकर पार्क के अंदर जा पहुंचा, रिपोर्टर उस पर नजर गड़ाए हुए था।

अंदर का हाल मत पूछिए

-दो मिनट बात उसे ढूंढने का ड्रामा करते हुए रिपोर्टर भी उसी रास्ते से पार्क के अंदर जा पहुंचे।

-पार्क में पहुंचते ही यहां नशे की मंडी सजी नजर आई। साथ ही स्मैक व नशीले इंजेक्शन के कारोबार का कड़वा सच भी सामने आ गया।

-नशीली दवा के इंजेक्शन का रेट ख्00 रुपये बताया गया।

-स्मैक के दिलाने की हामी भरने वाले युवक ने कहा कि उसे पास में एक गली से लाकर देना होता है।

-खुद खरीदने जाओगे तो तुम्हें वह यही पुडि़या फ्00 से फ्भ्0 में भी दे सकता है। कहा स्मैक लेते हो इसलिए दिलवा दूंगा।

-रोज यहीं चले आया करो अपना लेकर चले जाना, एक पुडि़या में यहां तीन से चार लोग आराम से नशा कर लेते हैं।

यहां नस में लगता है नशे का इंजेक्शन

पार्क में दर्जन भर से अधिक युवक हाथ के नस में नशे का इंजेक्शन लगा रहे थे। कई युवकों के हाथ में नस के न मिलने से वे व्याकुल से नजर आए। यह इंजेक्शन ऑपरेशन के वक्त एनस्थीसिया डॉक्टर द्वारा बेहोशी के लिए मरीज को लगाई जाने वाली दवा थी। हाथ के नसों में लोग इंजेक्शन को बड़ी बेरहमी से इंजेक्ट कर रहे थे।

पुलिस को भी देना पड़ता है पैसा

स्मैक का रेट कम करने के लिए कई बार कहने पर झल्लाकर वह युवक बोला भाई यार इससे कम नहीं होगा। कोई हम अकेले तो लेते नहीं। जिससे माल लाते हैं वह लेता है। इसके बाद थाने व चौकी की पुलिस को भी देना पड़ता है। इसमें हमें बचता कुछ नहीं बस नशे के लिए हमें भी मिल जाता है और लोगों भाइयों को आसानी से मिल जाता है।

यह तो काफी शॉक्ड करने वाला विषय है। यदि ऐसा है तो मामले में दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी कर नशा करने वालों से लेकर बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी।

-सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, डीआईजी/एसएसपी प्रयागराज