प्रयागराज ब्यूरो । गैस सिलेंडर लीक कर रहा था लेकिन घर का कोई सदस्य स्मेल पकड़ नहीं पाया। नतीजा हुआ गैस का स्विच ऑन करते ही आग की लपटें भभक पड़ीं। जब तक परिवार के लोग कुछ समझ पाते और कुछ इंतेजाम करते पूरा घर आग की लपटों से घिर गया। तीन लोगों की जिंदगी इसमें दांव पर लग गयी। सूचना मिलते ही आसपास के लोग सक्रिय हो गये। फायर ब्रिगेड को सूचना देने के साथ ही स्थानीय लोग खुद आग बुझाने की कोशिशों में जुट गये। जब तक आग पर काबू पाया जाता, गृहस्थी का पूरा सामान आग की भेंट चढ़ चुका था। तीन लोग झुलस चुके थे। इन सभी को अस्पताल में दाखिल करा दिया गया है। घटना धूमनगंज थाना क्षेत्र के राजरूपपुर में गुरुवार को दिन में हुई।
बचाव के लिए दौड़ पड़े लोग
राजरूपपुर निवासी दिनकर सिंह अपनी पत्नी गिरजेश देवी (60) के साथ रहते हैं। उनके यहां हरवीर सिंह और अंशु सिंह किराएदार हैं। दोनों फतेहपुर धाता स्थित गढ़ेरा गांव के रहने वाले हैं। हरवीर सुबह किचन में खाना बनाने गया। इस दौरान लीकेज की वजह से सिलेंडर में आग लग गई। हरवीर ने आग बुझानी चाही लेकिन पाइप गलने से आग फैल गई। वह झुलस गया। उसके बचाव की आवाज सुनकर अंशु अंदर पहुंचा तो आग फैल चुकी थी। वह किसी तरह हरवीर को बचाकर बाहर लाया। दोनों का शोर सुन मकान मालकिन गिरजेश देवी पहुंची। इस बीच अंशु सिलेंडर बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। जिससे बाहर के कमरे के दरवाजे पर लगे पर्दे में आग लग गई। किचन और कमरे में आग फैलने से फ्रीज समेत कई कीमती सामान आग की चपेट में आ गए। आग बढ़ती देख फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई। जिस पर सीएफओ आरके पांडेय, अग्निशमन अधिकारी नागेंद्र प्रसाद द्विवेदी, अवध नारायण और हेड कांस्टेबल रमेश प्रसाद की टीम पहुंच गई। आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग को काबू में किया जा सका। इस दौरान महिला समेत तीनों को उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया। घटना से आसपास के लोगों की भीड़ जमा हो गई।

ब्लॉस्ट के डर से सहमे लोग
गैस सिलेंडर में लगी आग ने विकराल रूप ले लिया। किचन में सामान जलने से धुआं निकलने लगा। देखते ही देखते कमरे में धुआं भर गया। कुछ देर बाद धुआं बाहर निकला तो लोगों को आग की तेजी के बारे में समझ आया। इस दौरान पर्दे की वजह से लकड़ी के दरवाजों में आग लग गई तो आसपास के लोगों को सिलेंडर के ब्लॉस्ट होने का खतरा सताने लगा। धीरे धीरे भीड़ बढऩे लगी। जिसे भी जानकारी हुई वह सिलेंडर फटने के डर से खौफ में आ गया। किसी की हिम्मत घर के अंदर जाकर आग बुझाने की नहीं हो रही थी। तीन लोगों के झुलसने से लोग तमाशबीन बने रहे। फायर ब्रिगेड पहुंची तो लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि इस बीच सिलेंडर तो बुझ चुका था, मगर आग ने लाखों रुपये के सामान का नुकसान कर दिया था।

सिलेंडर में लगे आग तो क्या करें
सिलेंडर में आग लगने पर उसे किसी मोटे कपड़े या कंबल से ढंक दें।
हाथ में मोटा कपड़ा लपेट कर नॉब बंद करने की कोशिश करें।
आग न बुझे तो फौरन सिलेंडर से दूर हो जाएं और परिजनों को भी घर के बाहर कर दें।
पाइप से पानी की धार नॉब पर डालें, जहां पर आग जल रही हो।
तत्काल फायर ब्रिगेड को घटना की सूचना दें।

काम कर गया अस्थायी इंतजाम
इन दिनो निरंजन डाट पुल पर रेलवे की तरफ से विस्तारीकरण का काम चल रहा है। फायर ब्रिगेड का मुख्यालय सिविल लाइंस एरिया में है। पुराने शहर में आग लगने की दशा में यहां से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों का समय पर पहुंचना मुश्किल है। इसी को देखते हुए फायर ब्रिगेड ने अस्थाई तौर पर खुल्दाबाद में आग बुझाने वाली गाड़ी रखने का फैसला लिया था। इसी के चलते आज हुई घटना की सूचना मिलने पर फायर ब्रिगेड की गाड़ी जल्दी मौके पर पहुंच गयी।

सिलेंडर लीक करने से आग लगने का अंदेशा है। उसे बुझाने के चक्कर में तीन लोग झुलस गये हैं। तीनो को अस्पताल भेजवा दिया गया है। आग से नुकसान कुल कितने का हुआ है? इसका आकलन किया जा रहा है।
आरके पांडेय, सीएफओ