प्रयागराज ब्यूरो । माघ मेला एरिया में लापरवाही की आग आए दिन भड़क रही है। गुरुवार देर रात सेक्टर पांच के ओल्ड जीटी रोड संगम लोवर मार्ग पर किन्नर अखाड़ा शिविर में आग लग गई। यह आग टेंट में इतनी तेज फैली ही उसमें सो रहे तीन लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। आग की चपेट में आने से करीब 60 वर्षीय रमेश देवी व उनके 61 वर्षीय पति सत्यवीर और 50 वर्षीय बेचन मास्टर झुलस गए। इस घटना से पूरे शिविर में ही नहीं पुलिस महकमें में भी हड़कंप मच गया। शिविर के महंत व दूसरे टेंटों में रहे श्रद्धालु आग बुझाने व टेंट में फंसे लोगों को बचाने में जुट गए। खबर पाते ही पहुंची पुलिस झुलसे लोगों को इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराई। करीब घंटे भर की कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड के जवान आग पर काबू पाए। बताते हैं कि आग बुझने तक छह टेंट जलकर राख हो चुके थे। आग लगने का कारण पूर्णरूप से स्पष्ट नहीं हो सका। पुलिस का मानना है कि यह आग हवन या फिर गैस सिलेंडर के लीकेज से लगी होगी। हॉस्पिटल में किन्नर महंतों का जमावड़ा रहा।

कारण नहीं हो सका स्पष्ट
माघ मेला झूंसी साइड सेक्टर पांच में किन्नर अखाड़ा का शिविर लगा हुआ है। इस शिविर में जनपद समेत गैर जनपद व प्रदेश के श्रद्धालु भी मौनी अमावस्या पर्व पर स्नान के लिए रुके हुए थे। बताते हैं कि गुरुवार रात करीब 11 बजे हवन व भजन-कीर्तन का कार्यक्रम चला। इसके बाद सभी अपने-अपने टेंट में सोने के लिए चले गए। देर रात करीब अचानक एक टेंट में आग लग गई। आग टेंट में लगी आग की लपटों को देखकर शिविर में हड़कंप मच गया। दूसरे टेंट में रहे भक्त व महंत शोर मचाते हुए आग बुझाने के लिए दौड़ पड़े। इस बीच मालूम चला कि जिस टेंट में आग लगी है उसमें रमेश देवी, व सत्यवीर निवासी महरौली दिल्ली व करेली के करेंहदा निवासी बेचन मास्टर पुत्र मसुरियादी फंसे हुए हैं। आग इतनी तेज थी कि टेंट में सो रहे तीनों को भागने का मौका नहीं मिला। ऐसी स्थिति वह तीनों आग की चपेट में आने से झुलस गए। हालांकि खबर पाते ही पुलिस व फायर ब्रिगेड के जवान पहुंचे और टेंट में फंसे तीनों लोगों को बाहर निकालकर आग बुझाने में जुट गए। बाहर निकाले गए उन तीनों लोगों को फौरन इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल लाया गया। हॉस्पिटल में उनके साथ दर्जनों की संख्या में किन्नर समाज के लोग व महंत तीनों की मदद के लिए पहुंच गए। उधर करीब घंटे भर की कड़ी मेहनत के बाद फायर ब्रिगेड के जवान आग पर काबू पाए। प्रत्यक्षदर्शियों व महंतों की मानें तो टेंट में लगी आग की चिंगारी से आसपास रहे दूसरे टेंट भी जल गए। कुल छह टेंट इस आग में जलकर राख हो गए। इन टेंटों में रहने वाले श्रद्धालुओं के सामान भी राख हो गए हैं।

जर्मन श्रद्धालु अनीशा जला पासपोर्ट
किन्नर अखाड़ा में जर्मनी की अनीशा गोमदीज भी रुकी हुई थीं। बताते हैं कि जिस वक्त आग लगी वह अपने टेंट में सारा सामान छोड़कर बाहर आ गईं। टेंट में आग लगने से उनका सारा सामान व बैग भी जल गया। उनके बैग में रखा पासपोर्ट व रुपये एवं अन्य सामान भी जल गए। पासपोर्ट के जल जाने से वह काफी परेशान हैं।

दिल्ली ले जाए गए झुलसे दंपत्ति
किन्नर अखाड़ा के शिविर में टेंट में आग से झुलसे लोगों की मदद में एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे दर्जनों महंत व किन्नर समाज के लोग शाम तक हॉस्पिटल में डटे रहे। उन्होंने बताया कि झुलसे हुए दिल्ली के दंपत्तियों दिल्ली चले गए हैं। यहां ट्रीटमेंट के बाद उन्हें इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया है। जबकि करेली निवासी बेचन मास्टर का इलाज यहीं पर चल रहा है। उनकी हालत डॉक्टर खतरे से बाहर बता रहे हैं।


फायर ब्रिगेड के जवानों ने कड़ी मशक्कत के बाद शिविर के टेंट में लगी आग को बुझा लिए हैं। मामूली रूप से झुलसे श्रद्धालुओं को पुलिस इलाज के लिए एसआरएन हॉस्पिटल ले गई है। तीनों के इलाज पर शीर्ष अफसरों नजर बनाए हुए हैं। आग कैसे लगी फिलहाल यह पता नहीं चल सका है।
आरके पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी

इसके पहले भी लगी थी आग
इसके पूर्व तीन फरवरी को भी मेला क्षेत्र में आग लगने की घटना हुई थी। यह घटना सेक्टर तीन के विजय राम भक्तमाल के शिविर हुई थी। शिविर में कौडि़हार बाजार निवासी संजय केसरवानी की मां कल्पवास कर रही थीं। इन्हीं के शिविर में यह आग लगी थी। गनीमत यह रही कि सभी लोग सुरक्षित बच गए थे, पर सारा सामान जल गया था। चूल्हे की चिंगारी से आग लगने का शक उस वक्त फायर कर्मियों के द्वारा जताया गया था।