प्रयागराज (ब्‍यूरो)। लोकसभा चुनाव में भीषण गर्मी को देखते हुए सुबह सात बजे से ही मतदान शुरू हो गया था। लूकरगंज के राजू भाई रोजाना इसी समय पर अपनी नाश्ते की दुकान खोलते हैं। लेकिन, आज उन्होंने सोचा था कि पहले मतदान करेंगे फिर दुकान खोलेंगे। लेकिन उन्होंने देखा कि सुबह से ही मतदान केंद्रों पर भीड़ लगने लगी। वोट देकर आने वाले उनसे नाश्ते में समोसे, ब्रेड पकौड़े और जलेबी की मांग कर रहे थे। इस पर उन्होंने शनिवार को भी वोटिंग के दिन अपना होटल खोल दिया और लोगों को गर्मागर्म नाश्ता कराने लगे। उन्होंने कहा कि बगल में दो मतदान केंद्र हैं जिनमें हजारों वोटरों का नाम दर्ज है। यही कारण रहा कि सुबह 12 बजे तक लोग आते रहे। क्योंकि उनका कहना था कि पहले मतदान करेंगे, फिर जलपान करेंगे। राजू ने बताया कि दोपहर में वह भीड़ कम होने के बाद वोट डालेंगे। यही हाल शहर के दूसरे नाश्ते की दुकानों और होटलों का भी रहा। मार्निंग मेंं मतदान केंद्रों में उमडऩे वाली भीृड़ को देखते हुए उन्होंने अपने प्रतिष्ठान खोल दिए थे। सुबह से ही चाय की दुकानों पर चुस्की लेते हुए लोगों ने चुनावी चर्चा छेड़ दी थी। लोकनाथ में भी जलेबी और गर्मागर्म पकौड़ा खाने वालों की खासी भीड़ थी।

फूलपुर- 7.45 फीसदी वोटिंग इलाहाबाद- 9.37 फीसदी वोटिंग

फैमिली सहित वोटिंग का मजा ही कुछ और है
परिवार के लोग अलग अलग वोट देने जाएं तो उसमें इतना मजा नहीं आता। लेकिन जब सब साथ जाते हैं तो उसका अलग ही एंज्वायमेंट होता है। प्रयाग व्यापार मंडल के अध्यक्ष राना चावला ने शनिवार को सुबह 11 बजे अपनी फैमिली के साथ ज्वाला देवी सरस्वती इंटर कॉलेज में जाकर मतदान किया। इस अवसर पर उनके साथ पत्नी त्रिप्ता, बेटा अभिषेक, बहू सरबजीत चावला और छोटा बेटा संकल्प मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वह फैमिली सहित सुबह 11 बजे मतदान केंद्र पर पहुंच गए थे। चूंकि तब तक तापमान अधिक हो गया था इसलिए लाइन में एक और फैमिली मौजूद थी। इसलिए वोट देने में पांच से दस मिनट का समय लगा। बता दें कि इस बार शहर उत्तरी की जनता ने पिछले चुनावों के मुकाबले वोटिंग में अधिक जागरुकता दिखाई है। अधिक से अधिक लोग घरों से निकले हैं। लेकिन गर्मी ने उनका बहुत अधिक इम्तेहान लिया। राना चावला ने बताया कि उनके मोबाइल पर वोटर टर्न आउट ऐप डाउनलोड था। इसकी मदद से उन्हे वोटिंग की गति का पता चल रहा था। सुबह दस से 11 के बीच का समय उन्हें वोटिंग के लिए बेहतर लगा। पिछले चुनाव में भी उन्होंने परिवार सहित वोटिंग की थी।

फूलपुर में वोटिंग- 22.78 फीसदी इलाहाबाद में वोटिंग- 23.83 फीसदी


वोट देने के बाद खोजते रहे छांव
सिविल लाइंस में पारुल वर्मा और प्रदीप कुमार विनोद आसपास रहते हैं। दोनों भीड़ से बचने के लिए दोपहर में एक बजे घर से वोट देने निकले। दोनों का बूथ ज्वाला देवी इंटर कालेज सिविल लाइंस में था। दोनों को लगा कि दोपहर में भीड़ कम रहेगी, लाइन नहीं लगानी पड़ेगी। मगर घर से मतदान स्थल तक पहुंचने में दोनों को पसीना छूट गया। ज्वाला देवी इंटर कालेज के पास पेड़ के नीचे दोनों काफी देर तक कुर्सी पर बैठे रहे। यह हाल केवल पारुल वर्मा और प्रदीप कुमार विनोद का ही नहीं रहा। वोट देने के लिए आए देवेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि इस बार धोखा हो गया। अगली बार वह सुबह सुबह ही वोट दे देंगे। इस बार गर्मी ने बुरा हाल कर दिया। दोपहर में वोट देने के बाद मतदान के बाहर निकले वाले तमाम लोग गर्मी से इस कदर परेशान हुए कि वह काफी देर तक पेड़ की छांव में खड़े रहे।

फूलपुर-33.06 इलाहाबाद- 34.07

कहीं देर न हो जाए
गर्मी ने सुबह से ही अपने तेवर दिखा रखा था। दस बजे के बाद आसमान में सूरज आग उगलने लगा तो घर से बाहर निकलने में लोगों की हिम्मत जवाब देने लगी। मगर सोहबतियाबाग के भास्कर शुक्ला ने अपनी तीन पीढिय़ों के साथ मतदान किया। भास्कर शुक्ला उच्च शिक्षा विभाग में पोस्ट हैं। संत रविदास प्राइमरी स्कूल में भास्कर शुक्ला का मतदान केंद्र था। भास्कर शुक्ला अपने माता, पिता, पत्नी और बेटे के साथ मतदान करना चाहते थे। वह दो बार मतदान केंद्र तक गए मगर भीड़ देखकर वापस लौट आए। इसके बाद वह ढाई बजे वोट देने के लिए निकले। उन्हें लगा कि कहीं भीड़ से बचने के चक्कर में देर न हो जाए। इस पर भास्कर शुक्ला ने अपनी पत्नी रुपम शुक्ला, पिता एडवोकेट प्रेमप्रकाश शुक्ला, मां अरुंधती शुक्ला और बेटे अवतांश शुक्ला के साथ वोट किया। भास्कर शुक्ला ने बताया कि उनके बेटे के लिए यह पहला मौका था, जब उसने वोट किया। भास्कर शुक्ला ने बताया कि उनका बेटा अवतांश नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी त्रिपुरा से कम्प्यूटर साइंस एण्ड साइबर सिक्योरिटी में बीटेक कर रहा है। और वह पहली बार वोटर बना है। वह त्रिपुरा से वोट देने के लिए आया है।

फूलपुर-39.46 इलाहाबाद- 41.04