- डॉटा फीडिंग में गलती से पांच फीसदी उपभोक्ताओं की राशन की दुकानें बदलीं

- पब्लिक हो रही परेशान, अफसर मांग रहे गलती की माफी

ALLAHABAD: खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थी सूची में गलत जानकारी फीड हो जाने से पांच फीसदी उपभोक्ताओं की राशन की दुकान बदल गई है। इससे राशन पाने के लिए उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ रहा है। सस्ता अनाज लेने के लिए लाभार्थियों को कई किमी का सफर तय करना पड़ रहा है। शिकायत पर जिला पूर्ति विभाग के अधिकारी सॉरी बोलकर काम चला रहे हैं। जिले में ऐसे मामले हजारों की संख्या में हैं। विभाग अपनी भूल को सुधारने की कोशिश में लगा हुआ है।

हजारों में हुई गड़बड़ी

खाद्य सुरक्षा अधिनियम तहत जिले में 989090 अंत्योदय कार्ड धारकों और पात्र गृहस्थियों का चयन किया गया है। इनको मार्च महीने से सस्ता अनाज मुहैया कराया जा रहा है। हालांकि, इस बीच फीडिंग के दौरान जिला पूर्ति विभाग ने ऑनलाइन इंफॉर्मेशन में बड़ी भूल कर दी। हजारों की संख्या में लाभार्थियों के नाम और पते और गलत फीड हो जाने से उन्हें कई किमी दूर स्थित राशन की दुकान से अनाज लाना पड़ रहा है। विभाग के सूत्रों का मानना है कि कुल लाभार्थियों में चार से फीसदी के साथ यह गड़बड़ी हुई है।

अपने कोटेदार से मिलें

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि हजारों की संख्या में मामले गड़बड़ा जाने से गाड़ी को पटरी पर लाने की कोशिश जारी है। जिनके नाम या पते की गलत फीडिंग है, उन्हें इसके लिए अपने कोटेदार से संपर्क करना होगा। आवेदन करने के बाद तत्काल इसमें सुधार किया जाएगा। बता दें कि अधिनियम के तहत लाभार्थियों को दो रुपए किलो गेहूं और तीन रुपए प्रतिकिलो चावल उपलब्ध किया जाएगा। जिन लोगों के नाम योजना में शामिल हो चुके हैं वह जिला पूर्ति विभाग की वेबसाइट fcs.up.nic.in पर अपना नाम देख सकते हैं।

इलाहाबाद के लिए आवंटित अनाज

गेहूं- 139916.43 क्विंटल

चावल- 78215.13 क्विंटल

कुल आवंटन- 218131.55 क्विंटल

यह भी हैं दिक्कतें

- योजना का लाभ लेने वालों के पास आधार कार्ड होना बेहद जरूरी है।

- 60 साल से अधिक उम्र के लोगों की हाथों की उंगलियों की रेखाएं मिट जाने से उनका आधार जल्दी नहीं बन पाता।

- 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ भी यही दिक्कत पेश आती है।

- जिनके हाथ में दस उंगलियां नहीं हैं, वह आधार नहीं बन पाने से पात्रता से बाहर हो जा रहे हैं।

- जिनके आंखों की रेटिना में बीमारी है, उनका आधार बनाना मुश्किल साबित हो रहा है।

- बहुत से लोगों का नाम पात्रता सूची से गायब है, वह विभाग के चक्कर काट रहे हैं।

- लोगों ने ऑनलाइन जानकारी फीड कराते समय ध्यान नहीं दिया है, जिससे नाम और पते गलत हो गए हैं। ये लोग अपने कोटेदार के माध्यम से आवेदन करके गड़बड़ी दूर कर सकते हैं।

नीलेश उत्पल, एआरओ, जिला पूर्ति विभाग इलाहाबाद