डीएम की चेतावनी पर भी सरेंडर नहीं हो रहे कार्ड

तीस जून तक होना है कोटे का सत्यापन, दस लाख से अधिक पात्र

शासन ने तीस फीसदी अपात्रों के शामिल होने का जताया है अंदेशा

ALLAHABAD: सस्ता सरकारी राशन डकारने वाले जेल जाने से भी नहीं डरते। डीएम की चेतावनी के बावजूद अभी तक अपात्रों ने राशन कार्ड सरेंडर करने की जहमत नहीं उठाई है। उधर, आपूर्ति विभाग द्वारा कोटे की दुकानों का सत्यापन कार्य जारी है लेकिन अभी तक अपेक्षित रिजल्ट नहीं आ पाया है। ऐसे में पात्रों को इस योजना का लाभ मिलने में दिक्कतें पेश आ सकती हैं।

प्रशासन ने अपनाया सख्त रुख

हाल ही में खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत भारी संख्या में अपात्रों के सूची में शामिल होने की सूचना के बाद डीएम संजय कुमार ने सख्त चेतावनी जारी की थी। उनका कहना था जो भी अपात्र इस सूची में शामिल हैं वह अपना कार्ड सरेंडर कर दें। अन्यथा, जांच के दौरान गलत पाए जाने पर ऐसे अपात्रों के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। बावजूद इसके अभ्ीा तक कोई भी आपूर्ति विभाग में अपना कार्ड सरेंडर करने नहीं आया है।

तीस जून सत्यापन की डेडलाइन

शासन ने कुछ दिन पहले पात्रों के चयन को मिलने वाली शिकायतों को लेकर लाभार्थी सूची के सत्यापन के निर्देश दिए थे। शासन का कहना था कि सूची में तीस फीसदी अपात्र हैं, जिनको चिंहित कर बाहर कर दिया जाना। इनकी जगह पात्रों को शामिल करना जरूरी है। यही कारण है कि आपूर्ति विभाग को तीस जून तक जिले के समस्त कोटे की दुकानों का सत्यापन कर रिपोर्ट पेश करने कहा गया है। फिलहाल, महज पांच फीसदी ही अपात्र चिंहित किए जा सके हैं।

फैक्ट फाइल

जिले में अंत्योदय और खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लाभार्थियों की संख्या- 10.23 लाख

कोटे की दुकान पर मिलने वाले अनाज का रेट- दो रुपए किलो गेहूं और तीन रुपए किलो चावल, इसके अलावा13.50 रुपए प्रतिकिलो चीनी

लाभार्थी सूची के सत्यापन की अंतिम तिथि- तीस जून

यहां भी लगा सवालिया निशान

बताया जा रहा है कि प्रशासन ने भले की सूची के सत्यापन करने के निर्देश कडाई से दिए हों, लेकिन जिनको इसका काम सौंपा गया है। वह मनमानी पर उतारू हैं। उनके इस कदम से निश्चित तौर पर लाभार्थियों के चयन पर सवालिया निशान लग सकता है। हालांकि, आपूर्ति विभाग इस तर्क को मानने को तैयार नहीं है। विभागीय प्रभारी अधिकारी नीलेश उत्पल कहते हैं कि सूची के सत्यापन के बाद सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। किसी भी अपात्र को बख्शा नहीं जाएगा। उनको चिंहित कर पात्रों को शामिल किया जाएगा।

बॉक्स

डुप्लीकेसी पर जमी है नजर

सबसे अहम यह है कि लोगों ने नाम बदल कर दो-दो जगह आवेदन कर दिया है। जिसकी वजह से वह योजना का लाभ आसानी से उठा रहे हैं। सूची के सत्यापन के दौरान ऐसे में मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। इतना ही नहीं, ऐसे कई लोग भी सामने आए हैं जो सरकारी विभागों के अच्छे पदों से रिटायर हुए हैं और वह सूची में अपना नाम शामिल करा चुके हैं। ऐसे लोगों को की पहचान की जा रही है।