दक्षिण भारतीय परंपरा के मंदिर में इससे पहले नहीं पहुंचा था कोई मुख्यमंत्री

चार दिवसीय श्री कुंभाभिषेकम् महोत्सव के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे योगी आदित्यनाथ

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PRAYAGRAJ: संगम तट से चंद दूरी पर स्थित कांची कामकोटि पीठ के आदि शंकर विमान मंडपम में रविवार का दिन सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया। मंदिर परिसर में चल रहे चार दिवसीय श्री कुंभाभिषेकम् महोत्सव के समापन पर बतौर मुख्य अतिथि उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने दक्षिण भारतीय परंपरा के प्रयागराज स्थित किसी मंदिर के इतिहास में पहली बार सीएम के रूप में प्रवेश करने का रिकॉर्ड अपने नाम किया।

रक्षा मंत्री के रूप में पहुंचे थे आर वेंकटरमण

रक्षा मंत्री के रूप में वर्ष 1984 में पहली बार स्व। आर वेंकटरमण पहुंचे थे। तब वे मंदिर के पहले तल पर स्थित कांची कामकोटि पीठ की आराध्य कामा क्षी देवी और दूसरे तल पर स्थित भगवान विष्णु के बालाजी स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के साक्षी बने थे। इसके बाद दूसरी बार वे मंदिर के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे।

यह भी आए पर तब पद पर नहीं थे

मंदिर में पहुंचने वालों में पूर्व सीएम स्व। एनडी तिवारी व पूर्व राष्ट्रपति स्व। आर वेंकटरमण का नाम भी शामिल है। लेकिन दोनों विशिष्टजन जब मंदिर आए थे तो उस समय पद पर नहीं थे। आर वेंटकरमण जब आए थे तब वह रक्षामंत्री थे।

दक्षिण भारतीय शैली के अद्भुत मंदिर के परिसर में मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार योगी आदित्यनाथ पहुंचे हैं। इसके पहले एक बार रक्षा मंत्री के रूप में स्व। आर वेंकटरमण मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया था और दूसरी बार वे मंदिर के उद्घाटन में पहुंचे थे। उस समय उनके साथ एनडी तिवारी भी मौजूद थे।

-रमणी शास्त्री, प्रबंधक आदि शंकर विमान मंडपम

69वें पीठाधीश्वर कांची कामकोटि के थे शंकराचार्य स्वामी जयेन्द्र सरस्वती। उन्होंने अपने गुरू की इच्छा पूर्ति के लिए मंदिर का निर्माण कराया था।

1969 में उप्र के तत्कालीन गवर्नर बी। गोपाल रेड्डी से मंदिर निर्माण की नींव रखी थी।

17 मार्च 1986 में मंदिर भक्तों के लिए खोला गया था मंदिर के प्रबंधक रमणी शास्त्री के मुताबिक

1984 में पहली बार स्व। आर वेंकटरमण पहुंचे थे, तब वे रक्षा मंत्री थे।