प्रयागराज (ब्यूरो)। शिकायतकर्ता अंजू माथुर ने कहा है कि उनके स्व। पिता जगन्नाथ स्वरूप उर्फ राधे व मां पुष्पा माथुर ने मकान का उन्हें पंजीकृत वसीयत की थी। माता पिता की मौत के बाद वह इस मकान में रह रही थीं। अफसरों को बताया कि 18 जुलाई 2021 को उन्हें पड़ोसियों से मालूम चला कि उनके इस मकान का किसी ने जालसाजी से वाद दायर कर कोई आदेश करवा लिया है। इसकी सच्चाई का पता लगाने के लिए वह अदालत पहुंची। यहां उन्हें मालूम चला कि अधिवक्ता व जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व राकेश कुमार तिवारी ने उसके स्व। पिता जगन्नाथ उर्फ राधे के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अपंजीकृत वसीयत बनवा लिया है। वसीयत में अनिरुद्ध पांडेय निवासी कीडगंज व निर्मलकात एडवोकेट की गवाही 2009 में बनाई गई। जिसे एडवोकेट रमेशचंद्र ओझा नोटरी द्वारा प्रमाणित किया गया। आरोप है कि इसी कूटरचित वसीयत के आधार पर राकेश कुमार तिवारी द्वारा कोर्ट में वाद दाखिल किया गया। जिसमें उन्होंने अपने दोस्त शेष नारायण द्विवेदी निवासी सुदनीपुर थाना सरायइनायत व शिकायतकत्री की मां पुष्पा माधुर को पक्षकार बनाया गया।

फर्जी सिग्नेचर से दाखिल किया जवाब

इसके बाद राकेश तिवारी परिचित के वकील मो। अख्तर खां व विजय कुमार शुक्ला के द्वारा उसकी मां स्व। पुष्पा माथुर के फर्जी व कूटरचित सिग्नेचर बनवाकर वकालतनामा व जवाबदावा कोर्ट में पेश करके वाद को निस्तारित कराया गया। शिकायतकर्ता अंजू माथुर ने कहा है कि इन सारी बातों की खबर उनकी मां पुष्पा माथुर को नहीं थी। उन्होंने यह भी दावा किया इस बाबत कोई सम्मन भी प्राप्त नहीं हुआ। इतना ही नहीं कहना तो यह भी कि उसके द्वारा न तो कोई अधिवक्ता नियुक्त किया गया और न ही वकालतनामा व जवाबदावा दाखिल किया गया। जांच पड़ताल के बाद कर्नलगंज थाने में राकेश कुमार तिवारी, अनिरुद्ध पांडेय, निर्मलकांत, मो। अख्तर खां, विजय कुमार शुक्ला, शेष नारायण द्विवेदी और रमेश चंद्र ओझा के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष समेत कुल सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इस मुकदमे उन सभी पर वादिनी द्वारा गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उसके द्वारा प्राप्त तहरीर पर मुकदमा दर्ज करके जांच की जा रही है।

सुरेश सिंह

इंस्पेक्टर कर्नलगंज