- निचली रामगंगा कमांड व अलीपुर जीता माइनर में 10 माह से नहीं आया पानी

- जिले की 17206 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई नहरों के भरोसे

KAUSHAMBI : बदहाल सिंचाई व्यवस्था की वजह से जिले की हजारों बीघा भूमि ऊसर में परिवर्तित हो रही है। निचली रामगंगा कमांड व अलीपुर जीता में पानी का प्रवाह न होने की वजह से जनपद के सैकड़ों किसान अपनी भूमि पर फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं। इससे किसानों की आर्थिक स्थित बिगड़ रही है। इस समस्या के निराकरण के लिए किसानों ने कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत की थी। इसके बाद भी सिंचाई व्यवस्था में सुधार नहीं आया।

नहरों का बिछा है जाल

सिंचाई के लिए जनपद में नहरों का जाल बिछाया गया है। जिले की क्7 हजार ख्0म् हेक्टेयर से अधिक भूमि की सिंचाई नहरों पर आधारित है। सिंचाई के नाम पर जनपद के किसान फसली लगान भी देते हैं, लेकिन निचली रामगंगा कमांड व

अलीपुरजीता माइनर में बीते दस माह से पानी नहीं छोड़ा गया। इसकी वजह से हजारों हेक्टेयर भूमि पर फसली की बुवाई नहीं हो पा रही है। इससे भूमि ऊसर के रूप से परिवर्तित होती जा रही है। नहरों में पानी का प्रवाह किया जाए, इसको लेकर कई बार किसानों ने तहसील व जिला प्रशासन से शिकायत की थी। इसके बाद भी नहरों में पानी के प्रवाह के लिए अफसरों द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जिसका खामियाजा जिले के किसानों भुगतना पड़ रहा है।

धान की नर्सरी न होने से किसान चिंतित

नहर में पानी का प्रवाह न होने की वजह जिले के अधिकतर किसान धान की नर्सरी नहीं कर पा रहे हैं। इसकी शिकायत किसानों ने नहर विभाग के एक्सईएन से की थी। इसके बाद भी नहर में पानी प्रवाह के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

सिंचित क्षेत्र में नहीं लग पा रहा नलकूप

जनपद के जिस क्षेत्र में नहर निर्माण है, उस क्षेत्र के एक किलोमीटर की परिधि में सरकारी व निजी नलकूप की बोरिंग कराने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसकी वजह से किसान नलकूप नहीं लगा पा रहे हैं। नलकूप के न लगने व नहर में पानी न आने से किसान अपने खेत में फसल की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं।