485 लोगों को जिले में मिली हुई है गनर की सुविधा
06 महीने का एडवांस पेमेंट जमा करने पर ही आवंटित होंगे गनर
100 फीसदी पेमेंट जमा करना किया गया है अनिवार्य

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। फ्री अथवा आलमोस्ट फ्री ऑफ कास्ट उपलब्ध होने वाले गनर के दम पर भौकाल बनाने वालों को निर्वाचन आयोग ने तगड़ा झटका दे दिया है। आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि लोक सभा चुनाव का आदर्श आचार संहिता लागू रहने तक किसी को भी फ्री ऑफ कास्ट गनर उपलब्ध नहीं कराया जायेगा। जो भी इस सुविधा का लाभ लेते रहना चाहेंगे उन्हें फुल पेमेंट करना होगा वह भी एक मुश्त छह महीने का। इस आदेश पर जल्द अमल शुरू हो जायेगा। आयोग की तरफ से आये इस फैसले के बाद गनर लेकर चलने वालों के माथे पर शिकन आ गयी है।

1,33,500 रुपये करने होंगे पे
बता दें कि सुरक्षा के नाम पर तमाम लोगों ने गनर ले रखे हैं। कुछ को जरूरत के चलते इन्हें एलॉट किया गया है तो कुछ ने रसूख और पहुंच के दम पर यह सुविधा प्राप्त कर ली है। जनपद में गनर लेकर चलने वालों की कुल संख्या 485 है। गनर के दम पर वीआईपी बनकर चलने वाले कई ऐसे हैं जो फ्री ऑफ कास्ट इस सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा ज्यादातर ऐसे हैं जो 25 से लेकर 50 फीसदी तक का भुगतान कर रहे हैं। बहुतेरे ऐसे हैं जिन्हें यह सुविधा नामिनल पेमेंट यानी ओवरआल एमाउंट का दस, बीस या तीस फीसदी हिस्सा भुगतान करके इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। ऐसे ज्यादातर लोग ऐसे हैं जो या तो सीधे सत्ता से जुड़े हैं अथवा वहां तक सीधी पहुंच रखते हैं। इसी के दम पर उन्हें यह सुविधा मिली हुई है।

नई व्यवस्था में हो जाएंगे पैदल
वैसे तो आदर्श चुनाव आचार संहिता लोकसभा चुनाव के समाप्त होने तक ही प्रभावी रहेगी। अब जो स्थितियां बन रही हैं उसके मुताबिक कम से कम चुनाव के दौरान तो कोई पैसा खर्च करके गनर लेने से बचेगा। इसका कारण है गनर लेने पर किया जाने वाला भुगतान। सूत्र बताते हैं कि फुल पेमेंट करने पर कुल एक लाख 33 हजार पांच सौ रुपये जमा करने होंगे। आयोग ने एक मुश्त छह महीने की धनराशि जमा कराने का निर्देश दिया है तो यह आंकड़ा करीब सवा सात लाख रुपये तक पहुंच जायेगा। इसी के चलते गनर लेकर चलने वालों के माथे पर शिकन है। उन्हें अब समझ में आने लगा है कि चुनाव हो जाने तक वेट कर लेना ही ठीक होगा क्योंकि आयोग के फैसले के खिलाफ जाने से लोकल ऑफिसर भी बचेंगे क्योंकि निर्देश न मानने पर वे खुद भी टारगेट हो सकते हैं। अब संभावना जताई जा रही है कि गनर लेकर चलने वालों का आंकड़ा दर्जन तक भी बमुश्किल ही पहुंच पायेगा।

आयोग के निर्देश की खास बातें
80 कथित वीआइपी को अब सुरक्षा में दिए गए गनर के लिए सौ प्रतिशत धनराशि का भुगतान करना होगा।
अभी तक इन्हें 25 से 50 प्रतिशत ही धनराशि का भुगतान करना होता था।
यह भुगतान गनर के वेतन के हिसाब से तथा कुछ अन्य तरह के टैक्स के रूप में इन वीआइपी से जमा कराया जाता रहा है।
जनपद में इस समय 485 लोगों को गनर दिए गए हैं। जिसमें कुछ को बिल्कुल फ्र हैं।
कुछ को 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 50 प्रतिशत व 60 प्रतिशत धनराशि पर गनर मिले हैं।
प्रतिमाह के हिसाब से सौ प्रतिशत धनराशि एक लाख 33 हजार 500 रुपये होता है।
निर्देश दिए गए हैं कि इस धनराशि का भुगतान छह माह तक का एडवांस करना होगा, तभी गनर मिलेंगे।

कमेटी करती है अनुमोदन
बता दें कि गनर दिए जाने के लिए जनपद स्तर पर कमेटी गठित हुई है। कमेटी में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी शामिल हैं। इस कमेटी के अनुमोदन पर ही गनर मिलते हैं। इसके लिए कंडीनेशन आवश्यक होता है। गनर के लिए थाने की पुलिस तथा खुफिया विभाग की ओर रिपोर्ट बेहद आवश्यक मानी जाती है। इसकी भी जांच कराई जाती है कि गनर की मांग करने वाले व्यक्ति की जान को वास्तव में खतरा है अथवा उसकी किसी बड़े अपराधी से दुश्मनी है।