प्रयागराज (ब्यूरो)। अतरसुइया में मदरसे को फंडिंग की भी जांच होगी। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। तीन बैंक खातों में पैंतालिस लाख रुपये मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले को बेहद गंभीरता से ले लिया है। सवाल उठ रहा है कि आखिर इतनी रकम मदरसे के एकाउंट में क्यों आई। फिलहाल, मदरसे के बैंक एकाउंट में रकम भेजने वालों का डिटेल जुटाया जा रहा है। डिटेल मिलने के बाद आगे की जांच की जाएगी। हो सकता है कि रकम भेजने वालों को बुलाकर पूछताछ भी हो।
अतरसुइया में नकली नोट का छापाखाना वाले मदरसे को लेकर जैसे जैसे जांच आगे बढ़ रही है, तमाम चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। पिछले दिनों सिविल लाइंस पुलिस ने मदरसे के प्रिंसिपल तफसीरुल और उसके एक साथी जाहिर खान को नकली नोटों के साथ पकड़ा था। मामला वहीं नहीं थमा। पुलिस जब मदरसे में पहुंची तो वहां पर प्रिंटिंग मशीन मिली। उस मशीन में नकली नोट प्रिंट की जाती थी। खैर, पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को जेल भेज दिया। मगर जांच रुकी नहीं।
बैंक एकाउंट सीज कराया
पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि मदरसे के तीन बैंक एकाउंट हैं। एक एकाउंट में 38 लाख, एक एकाउंट में पांच लाख और एक एकाउंट में एक लाख रुपये है। सभी बैंक एकाउंट को पुलिस ने सीज करा दिया। इसके बाद एसीपी श्वेताभ पांडेय ने बैंक एकाउंट में रकम कहां से आई, जबकि मदरसे में सीधे तौर पर आय का कोई साधन नहीं होता है, इसकी जांच शुरू की गई तो पता चला कि मदरसे के एकाउंट में कोलकाता, अमरावती, मुंबई समेत एक दर्जन से ज्यादा शहर से रकम भेजी गई है। आखिर मदरसे को फंडिंग क्यों की गई अब इसकी जांच की जाएगी।
मदरसे के तीन बैंक एकाउंट में करीब पैंतालिस लाख रुपये जमा हैं। ये रकम एक दर्जन से ज्यादा शहरों से मदरसे के एकाउंट में ट्रांसफर की गई। ये रकम क्यों भेजी गई और रकम भेजने वाले कौन हैं, इसकी जांच जल्द शुरू की जाएगी। जरुरत पड़ी तो रकम भेजने वालों को पूछताछ के भी बुलाया जाएगा।
श्वेताभ पांडेय, एसीपी सिविल लाइंस