प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के मगैती उदयपुर निवासी दीपक पालक यहां नैनी के पद्म इनक्लेव में रहता था। पिछले वर्ष सिविल लाइंस थाने में उसके विरुद्ध गैंग रेप सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मुकदमे में दीपक पाल भी आरोपित है। पुलिस द्वारा मार्च 2022 में दीपक को गिरफ्तार कर नैनी सेंट्रल जेल भेजा था। बताते हैं कि जेल में चार दिन पूर्व उसकी तबीयत खराब हो गई थी। जेल प्रशासन द्वारा इलाज के लिए बंदी दीपक को एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। सुरक्षा में जेल वार्डर अर्जुन व सरायइनायत के कांस्टेबल रविकांत की ड्यूटी लगी थी। रविवार सुबह दीपक अस्पताल के तीसरी मंजिल पर टहलने के लिए निकला गया था। इस दौरान सुरक्षा में रहे पुलिस के जवानों को झांसा देकर वह भाग निकला। इंस्पेक्टर सहित सीओ फोर्स के साथ हॉस्पिटल पहुंचे। काफी प्रयास और तलाश के बावजूद उसका कहीं पर भी कुछ पता नहीं चल सका। गिरफ्तारी के लिए लगाई गई पुलिस की एक टीम उसके गृह जनपद प्रतापगढ़ के लिए रवाना हो गई।

एडमिट कराया गया बंदी हॉस्पिटल से भागा है। मामले में लापरवाही पर जेल वार्डर को निलंबित करते हुए कोतवाली थाने में बंदी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। सिपाही के विरुद्ध कार्रवाई के लिए एसएसपी को रिपोर्ट भेजी गई है।
पीएन पांडेय, वरिष्ठ जेल अधीक्षक

जेल प्रशासन द्वारा भेजी गई रिपोर्ट पर मामले में सिपाही की भूमिका को लेकर जांच कराई जाएगी। जांच में यदि वह दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। भागे हुए बंदी की गिरफ्तारी के लिए कुल तीन टीमें गठित की गई हैं।
अजय कुमार, एसएसपी