प्रयागराज ब्यूरो । शुक्रवार रात मरखा मऊ गांव में दो गुटों के बीच गैंगवार कुर्सी पर बैठने के विवाद में हुई थी। विवाद के बाद मारपीट हुई फिर दनादन गोलियां चलीं। जिसमें घायल हिस्ट्रीशीटर नसीम की देररात एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई। मामले में दूसरे गैंग के एक हिस्ट्रीशीटर समेत कई अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कराया है। शनिवार शाम को हिस्ट्रीशीटर की बॉडी गांव पहुंची। जहां पर कई थानों की फोर्स मौजूद रही। गांव के पास कब्रिस्तान में हिस्ट्रीशीटर की बॉडी दफनाई गई। गैंगवार की आशंका को लेकर गांव में पर्याप्त फोर्स तैनात की गई है। मऊआइमा पुलिस ने आधा दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए उठाया है।

मऊआइमा थाने का था हिस्ट्रीशीटर

मऊआइमा थाना क्षेत्र के सुल्तानपुर खास गांव का रहने वाला नसीम मऊआइमा थाने का हिस्ट्रीशीटर था। वह हाल ही में जेल से छूटकर आया था। दर्जनभर से ज्यादा मुकदमों में नामजद होने की वजह से इलाके में नसीम की तूती बोलती थी। मगर इस बार उसकी नहीं चली। नसीम के साथ उसकी गैंग के आदमी थे। सभी असलहे से लैस थे।

चाय की दुकान पर हुई झगड़ा
रात करीब साढ़े नौ बजे हिस्ट्रीशीटर नसीम मरखामऊ गांव में चाय की दुकान पर बैठा था। चाय की दुकान अहमद अंसारी की है। नसीम के साथ उसके साथी भी थे। इस दौरान वहां पर रुस्तम आ गया। रुस्तम के पिता अफसार की ससुराल मरखामऊ में है। अफसार को मरखामऊ में अपने ससुराल की जायदाद मिली है। इसलिए उसका आधा परिवार यहीं पर रहता है। अफसार देल्हूपुर के जद्दोपुर का रहने वाला है। अफसार हिस्ट्रीशटर बदमाश है। रुस्तम चाय की दुकान पर पहुंचा तो वहां नसीम पहले से मौजूद था। इस दौरान नसीम के साथ बैठे लोगों ने कुर्सी नहीं छोड़ी। ये बात रुस्तम को नागवार गुजरी। रुस्तम ने कुर्सी छोडऩे के लिए कहा तो ये बात नसीम को बुरी लगी। बात बात में हाथापाई शुरू हो गई। रुस्तम अपने साथ हाथापाई होते देख खामोश हो गया। वह पीछे हटा और उसने अपने पिता अफसार को फोन कर दिया। इस बात से बेखबर नसीम और उसके साथी वहीं बैठे रहे। कुछ ही देर में अफसार अपने साथियों के साथ पहुंच गया।

बात बात में चल गई गोली
दोनों पक्ष अवैध असलहों से लैस थे। अफसार पहुंचा तो नसीम से उसकी बात होने लगी। दोनों हिस्ट्रीशीटर उलझ गए। बात बात में दोनों पक्ष ने हाथों में रिवाल्वर पिस्टल निकाल लिया और गोली चलने लगी। एक गोली नसीम को लगी वह गिर पड़ा। इसके बाद फायरिंग करते हुए अफसार की गैंग के लोग पैदल ही भाग निकले। आक्रोशित ग्रामीणों ने वहां खड़ी सफारी और बुलट में आग लगा दी।

अस्पताल में हिस्ट्रीशीटर की मौत
घायल हिस्ट्रीशीटर नसीम को उसके साथी पास के अस्पताल में ले गए। मगर खून बह रहा था। जिससे वहां पर उसे भर्ती नहीं किया गया। उसे एसआरएन अस्पताल लाया गया। जहां पर देररात उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। नसीम की मौत से परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया। नसीम की पत्नी ने अफसार व उसके अज्ञात साथियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।

चुनौती बन रहा था अफसार
सुल्तानपुर खास गांव और मरखामऊ गांव के बीच ज्यादा दूरी नहीं है। नसीम इलाके में अपना नाम बढ़ाने में लगा था, मगर ससुराल की जायदाद पाने के बाद हिस्ट्रीशीटर अफसार भी मरखामऊ में अपनी हनक जमा रहा था। दोनों के बीच गैंगवार की आशंका लोगों को थी, मगर इतनी जल्दी दोनों गुट में गैंगवार हो जाएगी, इस पर लोगों को यकीन नहीं हो रहा है।


नसीम मऊआइमा थाने का हिस्ट्रीशीटर था। रात में हमले में वह घायल हो गया था। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। केस दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की तलाश की जा रही है। कई लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है।
राघवेंद्र सिंह, इंस्पेक्टर मऊआइमा थाना