प्रयागराज ब्यूरो । हमने खुद को एक दायरे में समेट रखा है। हम उससे बाहर नहीं आना चाहते हैं। जब हम कोई एग्जाम देने जाते हैं तो क्वेश्चन पेपर सेट करने वाला इसका फायदा उठाता है और इस प्रकार से पेपर सेट करता है कि अधिकतर स्टूडेंट निश्चित रैंक पर आकर सिमट जाते हैं। बहुत कम ही होते हैं जो इस सोच से बाहर निकलकर अलग तरह से क्वेश्चन को साल्व करते हैं। बाद में वही मिसाल भी कायम करते हैं। यह बात गुरुवार को एनसीजेडसीसी में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और अमृता विश्व विद्यापीठम की ओर से आयोजित सेमिनार करियर पाथवेज में मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। अमित कुमार निरंजन ने कही। इस सेमिनार में उन्होंने स्टूडेंट्स को सक्सेज मंत्र देकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की फील्ड में करियर बनाने के टिप्स भी दिए। उन्होंने स्टूडेंट्स से कई रोचक सवाल किए और उनके जवाब मिलने पर उन्हें मोटीवेट भी किया।
खुद को समय देंगे तभी मिलेगी सक्सेज
मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। अमित कुमार निरंजन ने सेमिनार के पहले दिन कहा कि सक्सेज पाने के लिए खुद को बदलना जरूरी है। अपने आप को समझना और परखना होगा। कहा कि आपका दिमाग अलग नहीं सोचेगा तो भीड़ का हिस्सा बन जाएंगे। अगर हम कुछ नया करने जाएंगे तो समस्याएं जरूर आएंगी लेकिन ये खत्म भी होंगी। हमें हिम्मत नहीं हारनी है। उन्होंने कहा कि लाइफ में कुछ पाना है तो लर्निंग करनी होगी। कंटीन्यू लर्निंग करने से हम कई चीजों को प्राप्त कर सकते हैं। कहा कि सभी प्रकार के गैजेट इंजीनियरिंग की उपलिब्ध हैं और इनोवेशन की कोई लिमिट नहीं होती है। उन्होंने कहा कि मेडिकल फील्ड में भी बड़ा बदलाव आया है। यह हमारी थिंकिंग की वजह से है। अगर पढ़ाई करना है तो फ्री माइंड होकर करो। उन्होंने कहा कि आजकल साइक्रोमेटिक टेस्ट बच्चों का होने लगा है। कई इंस्टीट्यूट वाले इस टेस्ट का बहुत अधिक चार्ज कर रहे हैं। वही अमृता यूनिवर्सिटी की ओर से यह टेस्ट मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है।