गीता प्रेस प्रबंधन ने दक्षिण व नार्थ ईस्ट की भाषाओं में पहली बार धार्मिक पुस्तकों का कराया प्रकाशन
ALLAHABAD: संगम की रेती पर एक महीने तक जप-तप व अनुष्ठान की गूंज सुनाई देने वाली है। इस गूंज के बीच धार्मिक पुस्तकों से घरों में अलग पहचान बनाने वाले गीता प्रेस गोरखपुर ने हिन्दी भाषा के अलावा देश की अन्य कई भाषाओं की रौनक को जन-जन तक पहुंचाने का काम शुरू किया है। प्रेस प्रबंधन ने दक्षिण भारत की तेलगु व मलयालम, नार्थ ईस्ट की असमिया व बंगला और मराठी जैसी भाषाओं में पहली बार धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कराया है प्रेस के शिविर में पुस्तकों की बिक्री व आर्डर के लिए खास इंतजाम किया जाएगा।
एक माह तक मिलेगी सुविधा
गीता प्रेस ट्रस्ट के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका परिजनों के साथ एक जनवरी को शिविर में पहुंच जाएंगे। इसके अलावा प्रकाशन व बिक्री से जुड़े कर्मचारियों द्वारा पहली बार प्रकाशित की गई पुस्तकों की बिक्री के लिए चार स्टॉल लगाया जाएगा। प्रत्येक स्टॉल पर स्वाइप मशीन की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। स्टॉल पर एक महीने तक पुस्तकों की खरीद की सुविधा दी जाएगी।
स्टॉल पर होगी चार रुपए की पुस्तक
गीता प्रेस कम मूल्य में धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन करने के लिए मशहूर है। मेले में भी इसका नजारा दिखाई देगा। स्टॉल पर महज चार रुपए में मराठी भाषा में रामरक्षास्त्रोत व बंगला भाषा में गीता पढ़ने के लाभ जैसी पुस्तकें उपलब्ध रहेंगी। बंगला में ही दस रुपए की सुख शांतिपूर्वक जीने की कला, असमिया में आठ रुपए की शरणागति व दस रुपए में नेपाली भाषा में उपनिषद्का चौदह रत्न जैसी पुस्तकों का खजाना शामिल है।
किस भाषा में कौन सी पुस्तक
गुजराती
मार्कण्डेय पुराण, 90 रुपए और भविष्य पुराण 180 रुपए और पद्म पुराण 260 रुपए
असमियां
शरणागति, कीमत आठ रुपए
बंगला
सुख शांतिपूर्वक जीने की कला दस रुपए, सावित्री और सत्यवान पांच रुपए व गीता पढ़ने के लाभ चार रुपए
तेलगु
शांकर भाष्य, 30 रुपए व मार्कण्डेय पुराण सौ रुपए
मराठी
रामरक्षा स्त्रोत चार रुपए
ओडि़सी
भूले न भुलाए, 22 रुपए
मलयालम
श्रीदुर्गा सप्तशती, 45 रुपए
नेपाली भाषा में पहला प्रकाशन
प्रेस प्रबंधन ने नेपाली भाषा में भी धार्मिक पुस्तकों का प्रकाशन कराया है। शिविर में इस भाषा की नित्यकर्म प्रकाशन, आनंदमय जीवन, अच्छे बनो, गीता माधुर्य व उननिषद्का चौदह रत्न जैसी पुस्तकों को पहली बार लेकर आया गया है।
गीता प्रेस से अनेक भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन किया जाता है। इस बार दक्षिण और नार्थ ईस्ट की राज्यों की भाषाओं में पहली बार पुस्तकों का प्रकाशन कराया गया है। इस बार आर्डर लेने की व्यवस्था की गई है।
शत्रुघ्न उपाध्याय, कैशियर, गीता प्रेस