प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एग्जिक्यूटिव कौंसिल की गुरुवार को हुई मिटिंग में कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये। सबसे महत्वपूर्ण फैसला नियुक्तियों को लेकर रहा। कौंसिल ने एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के 11 पदों पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी। इसके अलावा गैर शैक्षणिक पदों पर 74 कर्मचारियों की नियुक्ति को भी ग्रीन सिग्नल दे दिया गया। नई नियुक्तियों को शामिल कर देने पर यहां दो सालों में नियुक्त हुए शिक्षकों की संख्या 288 तक पहुंच गयी है। यह यूनिवर्सिटी की छवि बदलने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

एडवाइजरी कमेटी करेगी शोध की निगरानी

कार्यकारिणी मिटिंग में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लाया दी गयी कि केमिस्ट्री विभाग की नई निमार्णाधीन इमारत में बायोकेमिस्ट्री विभाग भी स्थानांतरित कर दिया जाए। इसके साथ यूजीसी द्वारा निर्गत नियमों एवं प्रक्रिया के अंतर्गत बनाई गई समिति के रिकमेंडेशन पर अर्थशास्त्र विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ दीपशिखा सोनकर को नो वर्क नो पे के अंतर्गत रखा जाएगा। डॉ सोनकर ने मातृत्व अवकाश लिया था और उसके बाद 2 वर्ष से कार्यभार ग्रहण नहीं किया और अनुपस्थित रही हंै। कार्यकारिणी ने हर विभाग में एक रिसर्च एडवाइजरी कमेटी को भी अनुमोदन दे दिया। ये समिति विभाग में हो रहे शोध की निगरानी करेगी ताकि शोध के स्तर को बेहतर किया जाए।

गैर शिक्षक वर्ग के पदों पर अब 623 कर्मचारी

नई नियुक्ति का लिफाफा खुलने के बाद यूनिवर्सिटी में गैर शिक्षक वर्ग के कर्मचारियों की संख्या 623 पहुंच गयी है। नई नियुक्तियों में अर्थशास्त्र विभाग में 1 एसोसिएट प्रोफेसर एवं 8 असिस्टेंट प्रोफेसर, डिफेंस एवं स्ट्रैटेजिक अध्ययन विभाग में 2 असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्त किए गए। डिफेंस स्टडीज विभाग में एक लिफाफा हाईकोर्ट के आदेश के अंतर्गत नहीं खोला गया। अर्थशास्त्र विभाग के 5 शिक्षकों का असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज 2 से स्टेज 3 में कैस के अंतर्गत प्रमोशन भी अनुमोदित कर दिया गया। इनमें डॉक्टर धर्मनाथ उराँव, डॉक्टर करीमुल्ला, डॉ प्रदीप कुमार सिंह, डॉ रेखा गुप्ता एवं डॉ स्वाति जैन का नाम शामिल है। कार्यकारणी सदस्यों ने कहा कि नई नियुक्तियों के चलते 2 सालों में कैंपस की तस्वीर बदलने लगी है। कैंपस में एजुकेशन का माहौल चेंज होने लगा है। अकादमिक गतिविधियां निरंतर चलती रहती हैं। कार्यकारिणी के सदस्यों ने कुलपति के विश्वविद्यालय पुनरुत्थान के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि उनके एवं उनकी टीम के निरंतर प्रयास के कारण ही 600 से अधिक नियुक्तियां संभव हो पाई हैं।